सेमरिया विधायक का कलेक्ट्रेट पर धरना, कलेक्टर को बताया डिप्टी CM की कठपुतली
2 अक्टूबर को जहां पूरा देश गांधी जयंती और दशहरा मना रहा था, वहीं रीवा में कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा जिला प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने मौन व्रत रखकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया।

रीवा। जहां पूरा देश 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती और दशहरा के पर्व पर श्रद्धांजलि कार्यक्रमों और उत्सव में व्यस्त रहा, वहीं जिले के कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया।
इस शांतिपूर्ण विरोध में उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और कलेक्टर प्रतिभा पाल को उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की कठपुतली करार दिया।उन्होंने जिला प्रशासन पर डिप्टी सीएम के इशारों पर काम करने और सेमरिया विधानसभा की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
विधायक ने इसे न केवल व्यक्तिगत अपमान बताया, बल्कि इसे सेमरिया क्षेत्र की जनता के सम्मान पर चोट बताया।बात दे विधायक अभय मिश्रा की नाराजगी की असल वजह हाल ही में हुई संभागीय समीक्षा बैठक है, जिसमें संभाग के लगभग सभी सांसदों और विधायकों को बुलाया गया था।
View this post on Instagram
इस अहम बैठक में प्रदेश की अपर मुख्य सचिव भी मौजूद थीं और विकास कार्यों, जनसमस्याओं पर चर्चा की गई थी। लेकिन विधायक अभय मिश्रा को इस बैठक की कोई सूचना नहीं दी गई। विधायक का कहना है कि उनकी विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को उस मंच पर उठाने से रोकने के पीछे एक साजिश है।
उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ बताते हुए कहा कि जब एक चुने हुए जनप्रतिनिधि को ही बैठक में बुलाना जरूरी नहीं समझा जा रहा है, तो जनता की आवाज़ कैसे पहुंचेगी,
कलेक्टर व डिप्टी सीएम पर साधा निशाना
विधायक ने सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक मौन व्रत रखा और गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण धरने पर बैठे रहे। व्रत समाप्ति के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कलेक्टर प्रतिभा पाल पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को जानबूझकर रोका जा रहा है, और उन्हें किसी भी प्रशासनिक बैठक की सूचना नहीं दी जाती। उन्होंने कहा रीवा पर ग्रहण लगाने का काम कलेक्टर और उपमुख्यमंत्री मिलकर कर रहे हैं।
कलेक्टर वही करती हैं, जो डिप्टी सीएम कहते हैं। यह प्रशासन नहीं राजनीतिक दखल है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कलेक्टर द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है और उनकी विधानसभा में कोई भी विकास कार्य स्वीकृति नहीं पा रहा है।