दौडऩी थी 23 सिटी बसें, दो साल से सिर्फ 11 ही ढो रही सवारियां
रीवा | अमृत योजना के अंतर्गत अर्बन सिटी ट्रांसपोर्ट के तहत शहर में शुरूआती चरण में कुल 23 सिटी बसें दौड़ने थी। मगर पिछले दो साल से सिर्फ 11 बसें ही सवारियां ढो रही है। ज्ञात हो कि तिवारी बस सर्विसेस को सिटी बस खरीदने और संचालन करने का ठेका मिला हुआ है। मगर संबंधित संविदाकार द्वारा बाकी 12 बसों को अब तक नहीं लाया गया है। जबकि अनुबंध शर्त के तहत 11 बसों के चलने के 100 दिन के भीतर ही बाकी 12 सिटी बसें मांगा ली जानी चाहिए थी। गौरतलब है कि छह बसों का संचालन आसपास के रूटों में हो रहा है। इसका मतलब शहर के भीतर सिर्फ पांच बसें ही संचालित हो रही है। बसों के संचालन की मानीटरिंग का जिम्मा नगर निगम को है। मगर अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है। जनहित के लिए शुरू की गई योजना धरी की धरी रह गई है।
चलनी थी कुल 60 बसें
तीनों क्लस्टर को मिलाकर शहर में कुल 60 बसों का संचालन किया जाना है जिसमें शहर के भीतर कुल 23 और अन्य दो क्लस्टर के तहत 18 और 19 बसों का संचालन किया जाना है। लेकिन जिस क्लस्टर में टेंडर हुआ है उसमें सिर्फ 11 बसों का संचालन शुरू किया है। शेष 12 बसों का कोई अता पता नहीं है।
बसों को रखने की नहीं है व्यवस्था
गत वर्ष नगर निगम की ओर से सिटी बस संचालक को पत्र भी जारी किया गया था जिसमें बाकी बसों की खरीददारी किए जाने की बात कही गई थी। जिस पर संचालक द्वारा बसों को रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था का अभाव होना बताया गया था। इतना ही नहीं खुले आसमान के नीचे रातों को बसें पार्क कर दी जाती है। कई बार सिटी बस में तोड़ फोड़ और चोरी की घटनायें भी घटित हुई है।
सिर्फ एक क्लस्टर का हुआ टेंडर
सिटी बस योजना शुरू करने के लिए इन्हीं तीन क्लस्टर में बांटा गया। बड़ी मुश्किल से एक क्लस्टर का टेंडर साल 2018 में हुआ है। बाकी दो क्लस्टर की निविदा आज दिनांक तक सम्पन्न नहीं हो पाई। शुरूआती चरण में अर्बन सिटी ट्रांसपोर्ट योजना को बड़े जोरों-शोरों से शुरू किया और यह दावा किया गया था कि सिटी बसें न सिर्फ शहर के भीतर बल्कि जिले के दूरदराज क्षेत्रों और जिले के बाहर भी चलाई जाएगी। हालांकि यह सब दावे खोखले निकले और बाकी दो क्लस्टर की निविदा की फाइल कार्यालय में धूल खा रही है। अनुबंध के तहत शहर में दो प्रकार की बसें चलानी थी। जिनका रंग भी एक-दूसरे से अलग होना था। इसके अलावा एक सिटी मिड बस की 32 सीटों की संख्या वाली बस और एक 52 सीटों की बस चलाई जानी थी जिसमें से एसी और नान एसी भी शामिल थी। परन्तु इस निर्देश का पालन नहीं किया गया।
बाकी बसों की खरीदी हो चुकी है। उनकी बाडी इन्दौर में बन रही है। संभवत: अगले महीने से शेष 12 सिटी बसें पहुंच जाएगी।
रमेश तिवारी
संचालक सिटी बस