स्वच्छता में नंबर वन इंदौर हुआ शर्मसार: नगर निगम ने बुजुर्गों को पशुओं की तरह भरकर शहर के बाहर छोड़ा

भोपाल स्वच्छता रैंकिंग में लगातार चार बार नंबर 1 रहे इंदौर को एक वायरल वीडियो ने शर्मसार कर दिया। वीडियो में दिखा कि निगम कर्मचारी शहर के वृद्ध भिखारियों को डंपर में मवेशियों की तरह भरकर लाए और इंदौर-देवास सीमा पर छोड़कर जाने लगे। इस दौरान  कुछ लोगों ने वीडियो बनाना शुरू किया तो निगम कर्मचारी चेहरा छुपाने लगे।  इसके बाद घबराए कर्मचारियों ने वृद्धों को वापस डंपर में बैठाना शुरू कर दिया। 

भिक्षुकों के साथ हुए व्यवहार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन को दोषियों के खिलाफ ठोस कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम के उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं दो अन्य नगर निगम कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

बेसहारा को निगम समझ रही कचरा, कांग्रेस बोली मानवीय संवेदना खत्म
नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा बेघर लोगों को शहर के बाहर जंगल में छोड़े जाने के वायरल वीडियो पर कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया है। नगर निगम के अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेताओं ने मामले पर नगर निगम, जिला प्रशासन और सरकार से जवाब मांगा है कि स्पष्ट करना चाहिए कि यह सब किसके आदेश से हो रहा है। मानव अधिकार आयोग को शिकायत हो गई है। प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है।

गौरतलब है कि शहर में नगर निगम की गाड़ी में कुछ बुजुर्गों को अमानवीय तरीके से भरकर शहर के पास शिप्रा गांव के आस-पास छोड़ने का वीडियो वायरल हो रहा है। इस पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया जारी की है। अगले महीने स्वच्छता सर्वेक्षण होना है। कांग्रेस नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं कि सिर्फ शहर को साफ और चमक-दमक वाला दिखाने के लिए सर्वेक्षण के पहले फुटपाथ पर रहने वाले गरीबों को कचरा समझ कर हटाया जा रहा है। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने कहा कि प्रशासन निगम पहले गरीबों के लिए ठंड में रैनबसेरे और अलाव की व्यवस्था करते थे। अब सफाई के नाम पर गरीबों को जंगल में छोड़ा जा रहा है।

मानव अधिकार आयोग में शिकायत
कांग्रेस के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने वीडियो के बाद मानव अधिकार आयोग को शिकायत कर दी है। कर्मचारियों के साथ ऐसा करने का आदेश देने वाले अधिकारियों पर भी प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रकरण में जांच होना चाहिए कि आखिर कितने समय से ऐसा किया जा रहा है। अब तक कितने बुजुर्गों और बेसहारा गरीबों को ऐसे जंगल में छोड़ा जा चुका है। ठंड के दौरान कई लोग बीमार हुए होंगे और जान भी चली गई होगी। मामले में नगर निगम पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए।