मध्य प्रदेश कांग्रेस में जल्द होगा जिला अध्यक्षों का ऐलान, राहुल गांधी लेंगे अंतिम निर्णय, जातीय और राजनीतिक समीकरणों पर हो रही चर्चा

संगठन सृजन अभियान के तहत भाई-भतीजावाद से बचने की कोशिश

मध्य प्रदेश कांग्रेस में जल्द होगा जिला अध्यक्षों का ऐलान, राहुल गांधी लेंगे अंतिम निर्णय, जातीय और राजनीतिक समीकरणों पर हो रही चर्चा

Congress District President in MP: मध्य प्रदेश में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति जल्द करने वाली है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, आगामी दो दिनों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें हर जिले के लिए नामों पर अंतिम मुहर लगेगी. कांग्रेस हाईकमान, विशेष रूप से राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, हर जिले के नामों पर विस्तार से मंथन कर रहे हैं.

संगठन सृजन अभियान का दूसरा चरण

प्रदेश कांग्रेस में चल रहे संगठन सृजन अभियान का पहला चरण पूरा हो चुका है, जिसमें बूथ और ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं की पहचान और मजबूती पर काम हुआ. अब दूसरा चरण जिला अध्यक्षों की नियुक्ति से शुरू होगा. इसके बाद हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे. यह प्रोसेस 15 अगस्त 2025 तक पूरी कर ली जाएगी.

राहुल गांधी करेंगे नामों का अंतिम चयन

हर जिले से दो से तीन नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है. इन पैनलों पर पहले एआईसीसी नियुक्त पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट देंगे. इसके बाद संगठन महासचिव वेणुगोपाल और राहुल गांधी के बीच इन नामों पर चर्चा होगी. इस चर्चा के बाद प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार की राय भी ली जाएगी. साथ ही, प्रदेश प्रभारी और चारों सह-प्रभारियों से भी बातचीत पूरी कर ली गई है.

जातीय और राजनीतिक समीकरण पर फोकस

पार्टी नेतृत्व इस बार हर जिले के जातीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों का गहराई से अध्ययन कर रहा है. किस नेता को क्यों जिला अध्यक्ष बनाया जाए, इसके लिए संगठन में भूमिका जातीय और सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.  पार्टी सूत्रों के अनुसार सोमवार को इस पर अंतिम दौर की बैठकें होंगी.

भाई-भतीजावाद से दूर रहने की कोशिश

अब तक कांग्रेस में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में अक्सर सिफारिश, भाई-भतीजा और गुटबाजी का बोलबाला रहा है. लेकिन इस बार पार्टी ने इसे बदलने की ठानी है. गुजरात मॉडल को आधार बनाकर संगठन सृजन अभियान के तहत योग्य और कर्मठ नेताओं को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने की योजना है. हाईकमान स्वयं इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है ताकि निष्पक्षता बनी रहे. कांग्रेस हाईकमान शुरू की गई यह पहल न केवल संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि इससे पार्टी की निचले स्तर तक पकड़ भी मजबूत होगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह नया मॉडल संगठन को नई ऊर्जा देता है या फिर पुरानी सिफारिशी राजनीति हावी हो जाती है