15 लाख की अवैध शराब जब्त, एक ही परमिट से दो बार निकासी, वेयरहाउस और ठेकेदार जांच के घेरे में
रीवा जिले के सिरमौर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पिकअप वाहन से 15 लाख रुपए की अवैध देसी शराब बरामद की है। मुखबिर की सूचना पर की गई कार्रवाई में 300 पेटी शराब के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि एक ही परमिट का उपयोग दो बार कर शराब की तस्करी की गई थी।

रीवा । पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब की तस्करी का पर्दाफाश किया है। मुखबिर की सूचना पर सिरमौर पुलिस ने बुधवार देर रात एक पिकअप वाहन को घेराबंदी कर पकड़ा, जिसमें भारी मात्रा में देसी शराब लोड थी। जब्त शराब की बाजार कीमत करीब 15 लाख रुपए आंकी गई है।
मामले में दो आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।जानकारी के अनुसार, सिरमौर थाना क्षेत्र के डभौरा मार्ग पर पुलिस टीम ने रेड डालते हुए एक संदिग्ध पिकअप वाहन को रोका। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें 300 पेटी देसी शराब बरामद हुई, जिसे कथित तौर पर तस्करी के इरादे से ले जाया जा रहा था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अजय सोंधिया (29) और मनोज वर्मा उर्फ गोलू (26), दोनों निवासी छिबौरा, थाना रामपुर बघेलान, जिला सतना बताए गए हैं। वही इस पूरे रैकेट में और भी लोगों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। वाहन से मिले दस्तावेजों और आरोपियों के बयानों के आधार पर मामले की तह तक जाने का प्रयास किया जा रहा है।
संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। मामले में थाना प्रभारी दीपक तिवारी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने के बाद तत्काल घेराबंदी की गई और एक पिकअप वाहन से भारी मात्रा में अवैध देसी शराब जब्त की गई है। प्रारंभिक पूछताछ में मामला तस्करी और फर्जीवाड़े से जुड़ा प्रतीत हो रहा है।
एक परमिट से दो बार शराब की निकासी
पुलिस जांच में चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि उक्त शराब की खेप के लिए एक ही परमिट का दो बार उपयोग किया गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, शराब बोदाबाग वेयरहाउस से अतरैला स्थित सरकारी दुकान के लिए रवाना की गई थी। इसी परमिट का दुरुपयोग कर दूसरी बार शराब लोड कर तस्करी के इरादे से घाट क्षेत्र में ले जाई जा रही थी।
वेयरहाउस और ठेकेदार की भूमिका संदिग्ध
शराब जब्ती के बाद आबकारी विभाग के कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस को संदेह है कि वेयरहाउस से मिलीभगत के बिना इस तरह की तस्करी संभव नहीं है। जांच में सामने आया है कि एक खेप पहले ही अतरैला दुकान पर पहुंच चुकी थी, जबकि दूसरी खेप घाट के रास्ते अवैध रूप से रवाना की जा रही थी।
सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
एसडीओपी सिरमौर उमेश प्रजापति के निर्देशन में थाना प्रभारी दीपक तिवारी ने कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस ने टोल प्लाजा से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि दोनों बार एक ही परमिट का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद आबकारी विभाग की ओर से दी गई प्रारंभिक सफाई संदिग्ध प्रतीत हुई।
पूर्व भी सामने आ चुका है मामला
रीवा मे आबकारी विभाग में बिल्टी के खेल का खुलासा यह पहली बार नहीं हुआ है। बता दे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। एक बार जयस्तंभ झिरिया दुकान के माल शराब दुकानों के लिए लोड किया गया था, लेकिन ने जयस्तंभ और झिरिया में शराब नहीं उतारी गई बल्कि उसे मनगवां लेकर जा रहा था। रायपुर कर्चुलियान पुलिस ने उसे पकड़ा, लेकिन आबकारी अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर शराब छुड़वा ली। बाद में कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने मनगवां शराब दुकान से उस खेप को जब्त किया था। तत्कालीन एसपी आकाश जिंदल के कार्यकाल में भी फर्जी बिल्टी से शराब परिवहन का मामला सामने आया था. जिसमें आबकारी विभाग के कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया था।