रीवा में ट्रैफिक और क्राइम पर लगेगा कैमरा कंट्रोल, 200 लोकेशनों पर CCTV लगाने की तैयारी
रीवा पुलिस ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और अपराधों पर लगाम लगाने के लिए 200 नए स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। ये कैमरे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से जुड़ेंगे, जिससे नियम तोड़ने वालों को सीधे ई-चालान जारी होंगे।

रीवा। शहर की सड़कों पर रफ्तार से भागते वाहनों और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी। रीवा पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और अपराध नियंत्रण को मजबूत बनाने के लिए शहर में 200 नए स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एसपी कार्यालय ने लोकेशनों की पहचान का कार्य शुरू कर दिया है, जिसमें मुख्य सड़कों, चौराहों, सार्वजनिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। इस नई पहल के तहत लगाए जाने वाले कैमरे महज निगरानी तक सीमित नहीं रहेंगे।
इन्हें इंटीग्रेटेड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे ओवर स्पीड, रेड लाइट जंपिंग, बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के ड्राइविंग जैसी ट्रैफिक उल्लंघनों पर सीधे ई-चालान जारी किए जा सकेंगे। कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी वास्तविक समय में फुटेज देख सकेंगे और कार्रवाई कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें- मध्यप्रदेश में कर्ज, करप्शन और नशे पर जीतू पटवारी का बड़ा हमला
शहर में पहले से 270 कैमरे, लेकिन 100 बंद
फिलहाल शहर के 43 प्रमुख स्थलों पर पुलिस विभाग के 250 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, वहीं नगर निगम द्वारा 11 लोकेशनों पर अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं। इनकी कुल संख्या 270 के आसपास है। परंतु तकनीकी दिक्कतों, खासकर बरसात के मौसम में फाइबर कट और केबल क्षति के चलते करीब 100 कैमरे बंद पड़े हैं।
हाल ही में शुरू हुई मरम्मत प्रक्रिया के तहत अब तक कुछ कैमरे पुनः चालू किए जा चुके हैं। बाकी को ठीक करने में करीब एक सप्ताह का समय लग सकता है।
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के विधायकों की बढ़ेगी सैलरी! विधानसभा ने की 1.60 लाख करने की सिफारिश
निजी कंपनियों से हटकर पुलिस ने खुद संभाली जिम्मेदारी
सीसीटीवी सिस्टम का संचालन पहले हनीवेल और टेक्नोसिस जैसी निजी कंपनियों के हाथ में था। लेकिन अनुबंध समाप्त होने के बाद अब पुलिस विभाग ने निर्णय लिया है कि संचालन की जिम्मेदारी सीधे अपनी रेडियो शाखा को सौंपी जाए।
इसके लिए विशेष बजट का प्रावधान किया गया है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर टेक्नीशियन हायर कर कैमरों की मरम्मत और रखरखाव कराया जा सके।
पुलिस मुख्यालय की प्राथमिकता में शहर, गांव रह गए पीछे
गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस विभाग ने शुरुआत में ग्रामीण क्षेत्रों में कैमरे लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जहां आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। चाकघाट, सोहागी और गुढ़ जैसे क्षेत्रों में संपत्ति संबंधी अपराध और हाईवे लूटपाट की घटनाएं आम हो गई हैं।
लेकिन पुलिस मुख्यालय ने प्राथमिकता फिलहाल शहरी क्षेत्र को दी है। जानकार मानते हैं कि यदि गांवों को नजरअंदाज किया गया तो अपराधी शहर में पकड़े जाने से पहले ही हाईवे के रास्ते गायब हो सकते हैं।