कौन होगा रीवा जिला कांग्रेस का मुखिया, कवायत हुई तेज, चर्चाओं का बाजार गर्म
पर्यवेक्षकों की दो दौर की बैठकें पूरी, अब दिल्ली के दरबार से टकटकी लगाए बैठे हैं दावेदार

रीवा। कांग्रेस पार्टी के नए जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर जहां हर जगह पूरे प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक सरगर्मियां तेज है वही राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले विंध्य क्षेत्र का मुख्यालय रीवा जिला भी इससे अछूता नहीं है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों का दो बार रीवा जिले का दौरा हो चुका है प्रत्येक विधानसभा में बैठक भी हो चुकी हैं जिला के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं सभी मोर्चा संगठन के पदाधिकारियों से वन टू वन चर्चाएं भी हो चुकी हैं, अब इंतजार इस बात का है कि आखिर जिला कांग्रेस की बागडोर किस हाथ में जाएगी।
जहां अगर दावेदारों की बात की जाए तो उनकी सूची लंबी है चाहे ग्रामीण जिला अध्यक्ष की बात हो अथवा शहर अध्यक्ष की दावेदारी देखकर तो यह लगने लगा है कि कांग्रेस पार्टी में अब कार्यकर्ता बचे ही नहीं है सब वरिष्ठ नेता बन गए हैं, लोगों का सवाल उठाना वाजिब है कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ कहे जाने वाला रीवा जिला में कमजोर पड़ी कांग्रेस पार्टी को कैसे मजबूत किया जाएगा यह एक विचारणीय एवं सोचनीय प्रश्न है, हालांकि पर्यवेक्षकों के समक्ष सभी दावेदारों ने अपनी मंशा जाहिर की है बड़े-बड़े दावे किए हैं कि हम संगठन को कैसे मजबूत करेंगे, पार्टी में एकजुट लाएगें और पंचायत स्तर तक संगठन को खड़ा करेंगे।
किसी ने दावा किया कि हम जिला कांग्रेस कमेटी का कार्यालय बनाएंगे तो किसी ने आर्थिक सहयोग की भी बात की किसी ने जातिगत आधार बनाया तो किसी ने जाति को ही आधार बनाया, किसी ने एक जुटता की बात की तो वही किसी ने गुटबाजी खत्म करने का दावा किया। अब देखना यह है कि जिला कांग्रेस की बगिया का नया माली कौन होगा जो सींचकर उसे हरा-भरा करेगा। पुराने दिन (स्व.अर्जुन सिंह- स्व. श्रीनिवास तिवारी का दौर ) वापस आएगा ।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राहुल गांधी के मंशा के अनुसार नया जिला अध्यक्ष युवा,शिक्षित, संपन्न और संगठन क्षमता वाला होना चाहिए जिसके अंदर सभी को साथ में लेकर चलने की काबिलियत हो उसी को जिला अध्यक्ष का पद नवाजा जाए लेकिन रीवा जिले में दावेदारों की भीड़ को देखकर यह नहीं लग रहा कि इन निर्देशों का पालन होगा, बहरहाल चयन की प्रक्रिया जारी है, छह लोगों का पैनल बनाया जाएगा जिसमें सभी वर्ग के दावेदार शामिल होंगे अंतिम निर्णय अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को करना है।
कौन - कौन है दावेदार
वर्तमान ग्रामीण जिला अध्यक्ष इंजी राजेंद्र शर्मा, रमाशंकर सिंह पटेल, धर्मेंद्र तिवारी बब्बुल, गिरिजेश पाण्डेय, संदीप पटेल, कुंवर सिंह पटेल, दिलीप सिंह, कविता पाण्डेय, डॉ प्रतिभा सिंह सहित अन्य कई लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की है.
वही शहर अध्यक्ष की बात की जाए इसमें भी दावेदारों की सूची लंबी है मुख्यरूप से लखनलाल खंडेलवाल, धनेंद्र सिंह बघेल, मनीष नामदेव, मुस्ताक खान, रामकीर्ति शर्मा, मानवेंद्र सिंह नीरज, अशोक पटेल झब्बू, वसीम रजा, सज्जन पटेल, सत्या द्विवेदी सहित अन्य कई लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की है।
कैसे खत्म होगी गुटबाजी
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा निर्धारित की गई प्रतिक्रिया और रीवा जिले दावेदारों की सूची देखकर यह सवाल अभी से उठने लगे हैं कि गुटबाजी कैसे खत्म होगी, दावेदारों में जिस तरह से अपनी ढ़पली अपनी राग अलापी है और अपने आकाओं के द्वारा अध्यक्ष पद पाने हेतु प्रयास किया जा रहा है उससे यह स्पष्ट झलकने लगा है कि पूर्व अनुसार ही गुटबाजी खत्म नहीं होगी यह जारी रहेगी जिला संगठन को एकजुट कर चलाना टेढ़ी खीर के समान दिख रहा है.
अब देखना यह है कि कौन होगा मुखिया और किस तरह मजबूत होगा जिला कांग्रेस संगठन जरूरी है एकजुट होकर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा एवं सोच को राष्ट्रीय अध्यक्ष और राहुल गांधी के निर्देशों को जन-जन तक पहुंचना गुटबाजी अगर जारी रही तो स्थिति में सुधार नही होगा।