OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार: 6 साल की देरी पर उठे सवाल, 23 सितंबर को अंतिम सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को ओबीसी आरक्षण मामले में छह साल की देरी पर फटकार लगाई है। अब 23 सितंबर को इस मामले की अंतिम सुनवाई होगी, जिसमें सभी याचिकाओं पर फैसला हो सकता है।
मध्यप्रदेश में सरकारी भर्तियों में ओबीसी के 13% आरक्षण को लेकर नया अपडेट आया है। मंगलवार 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को ओबीसी आरक्षण मामले में हुई देरी को लेकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि- सरकार इतने सालों से सो रही है क्या? सरकार ने ओबीसी के 13% होल्ड पदों के मामले में बीते 6 सालों में क्या किया?
2019 में मध्यप्रदेश में OBC को 27% आरक्षण देने का बिल पास हुआ था। 4 मई 2022 को अभ्यर्थी शिवम गौतम ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने OBC को 27% आरक्षण के क्रियान्वयन के आदेश पर स्टे लगा दिया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के संशोधित कानून और नियम पर भी रोक लगा दी थी। जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो गया। सरकार ने OBC को 27% आरक्षण आदेश को चुनौती देते हुए ट्रांसफर केस 7/2025 के तहत स्टे वेकेंट की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है।

OBC महासभा के वकील वरुण ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि सरकार खुद मानती है कि आरक्षण देना है, फिर भी स्टे हटाने की पहल सही समय पर नहीं की जा रही।
कोर्ट ने कहा कि- राजनेता मंचों पर OBC हितैषी होने की बात करते हैं, लेकिन उनके वकील तब अदालत में पहुंचते हैं जब आदेश डिक्टेट हो चुका होता है।
अब 23 सितंबर को इस मामले की अंतिम सुनवाई टॉप प्रायोरिटी पर की जाएगी, जिसमें सभी याचिकाओं पर फैसला हो सकता है।

