MP: विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त, सिंगरौली में 6 लाख अवैध पेड़ों की कटाई को लेकर हंगामा

मध्यप्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र का पांचवा और अंतिम दिन। विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रश्नोत्तर काल के दौरान सिंगरौली जिले में बड़े पैमाने पर 6 लाख पेड़ों की अवैध कटाई का मुद्दा उठाया।

MP: विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त, सिंगरौली में 6 लाख अवैध पेड़ों की कटाई को लेकर हंगामा
MP Assembly Winter Session 2025

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज अपने पांचवे और अंतिम दिन सदन में प्रश्नोत्तर काल के दौरान सिंगरौली जिले में बड़े पैमाने पर 6 लाख पेड़ों की अवैध कटाई का मुद्दा गूंजा। झाबुआ से कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि अगर सारी कटाई परमिशन के आधार पर हो रही है तो फिर विरोध की स्थिति क्यों बन रही है। जिसके जवाब में राज्य वन मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि सारे काम केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति से हो रहे हैं। जितने पेड़ काटे जा रहे हैं, उतने पेड़ लगाए भी जा रहे हैं। जितनी जमीन जा रही उतनी जमीन भी उपलब्ध कराई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा सत्र की अवधि और बढ़ाई जाने की मांग उठाई। इसके बाद विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट के चलते विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

नारेबाजी करते हुए कांग्रेस का वॉकआउट
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, जब पहले सिंगरौली ब्लॉक पेसा एक्ट के दायरे में आ रहा था, तो संसदीय कार्य मंत्री ने यह गलत जानकारी क्यों दी कि वह एरिया पेसा के दायरे में नहीं आता था। जबकि अगस्त 2023 में इसको लेकर साफ कहा गया है कि वह इलाका पेसा एक्ट के दायरे में आता है। सरकार इस बारे में जवाब दे। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस में बहस शुरू हो गई, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

आदिवासी की पहचान जल, जंगल, जमीन
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि आदिवासी की पहचान जल, जंगल, जमीन से होती है। अगर आप उनके जंगल खत्म कर दोगे...उनकी जमीन छीन लोगे...जल ले लोगे तो उनका अस्तित्व कहां बचेगा। अभी धड़ल्ले से कटाई चल रही है। ये जो पूरा षड्यंत्र चल रहा है। आदिवासियों को खत्म करने का चल रहा है। अब हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। सरकार पूरी तौर पर अदानी के एजेंट के रूप में काम कर रही है। एक पेड़ मां के नाम की बात तो करते हैं, लेकिन पूरा का पूरा जंगल अदानी के नाम कर दिया है। इस पर वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा, कांग्रेस को तो हमें धन्यवाद करना चाहिए कि वहां लोगों को रोजगार मिल जाएगा। पेड़ों की कटाई नियमानुसार की जा रही है। दूसरे पेड़ लगाने के लिए जमीन भी मिल गई है। 

उमंग सिंघार ने वन मंत्री को सवालों से घेरा 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सिंगरौली वन कटाई के सवाल का जवाब वह सदन में चाहते हैं। उमंग सिंघार बोले- जहां पर पेड़ों की कटाई हो रही है। उस इलाके को 2023 के बाद पांचवी अनुसूची से क्यों हटाया गया। विधायक बाला बच्चन ने कहा कि कोल ब्लॉक के लिए जमीन दी गई इसलिए ऐसा किया गया। इसके जवाब में वन मंत्री अहिरवार ने कहा कि आज की स्थिति में वह ग्राम और ब्लॉक एरिया की पेसा एक्ट के एरिया में नहीं आता, इसलिए उसे परमिशन दी गई है। जब इस पूरे मामले में वन मंत्री बार-बार कहे जाने के बाद भी सही जवाब नहीं दे पाए तो विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष से अलग मुलाकात कर वन मंत्री जवाब देंगे।

वन मंत्री से बोले भूरिया और जयवर्धन 
कांग्रेस विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया और जयवर्धन सिंह ने इस मामले पर वन मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। भूरिया ने कहा कि सिंगरौली से पेड़ काटकर सागर और शिवपुरी में लगाए जा रहे हैं। ये कैसा न्याय है? आदिवासियों के साथ सदियों से ही अन्याय हुआ है। अब अडानी को श्रेष्ठ बताने के लिए सिंगरौली के आदिवासियों के जमीन से पेड़ काटे जा रहे हैं। जयवर्धन सिंह ने कहा कि अडानी समूह को खदानें दी गई हैं, जिसके लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। इसे पेसा एक्ट से बाहर बताया गया है। यहां पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन हुआ है। संपूर्ण सिंगरौली के संचय प्रभाव का आकलन हुआ है या नहीं हुआ है यह भी बताया जाए।

सिंगरौली भाजपा के लिए प्रयोगशाला- कांग्रेस
कांग्रेस विधायकों ने सदन के अंदर इसे 'वनों की अवैध कटाई' कहा। लेकिन सदन के बाहर इस मुद्दे को 6 लाख पेड़ों के कत्लेआम के रूप में उठाने की घोषणा की है। कांग्रेस विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, हिंदुस्तान में एक व्यक्ति के लिए 100 खून माफ है। 6 लाख पेड़ क्या होते हैं, असम में भी लाखों पेड़ कट रहे हैं। मुंबई में हजारों एकड़ दिए जा रहे हैं। सिंगरौली तो वैसे भी भाजपा के लिए एमपी की प्रयोगशाला है।

PM प्रकृति को बचाने में फेल- ओंकार मरकाम 
डिंडौरी विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने सिंगरौली पेड़ कटाई पर प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस विधायक ने कहा कि अब प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। एक तरफ सरकार के लोग बजट में पेड़ लगाने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने तो पेड़ लगाने के लिए गिनीज वर्ल्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराया था। दूसरी तरफ विधानसभा में लगे चंदन के पेड़ तक को सरकार बचा नहीं पाई। प्रधानमंत्री देश की प्रकृति को बचाने में नाकाम हैं और पेड़ कटवाने में आगे हैं। 

पेड़ कटाई पर भाजपा विधायकों के जवाब 
सवालों के जवाब में वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा, वन क्षेत्र में अवैध कटाई हो रही है, ये सच नहीं है। खनन मंत्रालय के निर्देश के आधार पर 2672 हेक्टेयर क्षेत्र में कटाई हुई है। जो भी पेड़ काटे गए हैं, वो भी नियम अनुसार ही कटे हैं। हालांकि, पूर्व मंत्री और अनूपपुर से भाजपा विधायक बिसाहूलाल सिंह ने सिंगरौली में पेड़ों की कटाई को लेकर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। कोई पेड़ नहीं काटे जा रहे हैं। वहीं, पंचायत राज्य मंत्री राधा सिंह ने तो यह तक कह दिया कि पेड़ काटने के बदले में हम लगा भी तो रहे हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- ये कर्ज उन्मुखी बजट
अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, यह विकास उन्मुखी नहीं बल्कि कर्ज उन्मुखी बजट है। जेट विमान के लिए 5 करोड़, मुख्यमंत्री निवास के लिए 10 करोड़ रुपए रखे जा रहे हैं। किसान और आम आदमी के लिए बजट में अनदेखी की जा रही है। कांग्रेस ने जो भी मुद्दे उठाए वह चीन को लेकर नहीं उठाया बल्कि प्रदेश के लोगों को लेकर उठाया। कांग्रेस कोई मुद्दा उठाती है तो कहा जाता है कि नाटक है। इसकी के साथ नेता प्रतिपक्ष ने विधायक निधि 5 करोड़ करने की मांग की। इधर, मध्यप्रदेश में एम्बुलेंस सेवा में गड़बड़ी के मामले पर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि फिलहाल एमपी में 2061 एम्बुलेंस हैं, उसमें एक करोड़ से ज्यादा मरीजों को लाभ दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया है, उसे गंभीरता से सुना है। मॉनीटरिंग सिस्टम को और बेहतर बनाया जाएगा।

वित्त मंत्री की आर्थिक नीतियां गलत- सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, जनवरी से लेकर नवंबर तक सरकार ने 74 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। वित्त मंत्री की आर्थिक नीतियां गलत हैं। वित्त मंत्री ने पूरे प्रदेश की साख गिरवी रख दी है। सरकार 2011-12 के कर्ज की भरपाई अब कर रही है तो यह कैसा वित्तीय प्रबंधन है। सरकार जो कर्ज ले रही है वह 8% पर है, आखिर क्यों 4 प्रतिशत पर लोन नहीं मिल पा रहा। यह सरकार की साख डूबना ही तो है। वहीं, विपक्ष द्वारा कर्ज लिए जाने को बार-बार मुद्दा बनाए जाने पर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा, यह कर्ज नहीं निवेश है। नियम और प्रक्रिया में समय सीमा में कर्ज ले रहे हैं। ब्याज समय पर दे रहे हैं और विकास के काम इससे कर रहे हैं। सरकार की जो भी योजनाएं हैं, वह किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं है बल्कि सबके लिए हैं।

2 साल वाले पोस्टर लेकर आए BJP विधायक
सत्र के अंतिम दिन भाजपा विधायक 'विकास एवं विरासत के 2 साल' वाले पोस्टर लेकर आए। मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार के 2 वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण हुए हैं। जनकल्याण, विकास और डबल इंजन की सरकार इन सबकी परिभाषा को बहुत ही खूबसूरत तरीके से मध्यप्रदेश में लागू किया गया है। ये हमारी विकास और कल्याण की यात्रा अनवरत जारी रहेगी। हमारा लक्ष्य अंत्योदय है। हमारा लक्ष्य गरीबों का कल्याण है।

विपक्ष के सवालों के जवाब मंत्री नहीं दे पाते- सिंघार
दूसरी ओर ध्यानाकर्षण के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार जवाब तो दे, अधिकारियों द्वारा बनाए हुए जवाब देती है। विपक्ष के सवालों के जवाब मंत्री नहीं दे पाते हैं और अगर देते हैं तो झूठे जवाब देते हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा अध्यक्ष की तारीफ भी की। दरअसल, कार्यमंत्रणा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि विपक्ष के सवालों के जवाब दिए जाए और सही समय पर उत्तर आना चाहिए। 

RGPV में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार
भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय (RGPV) में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तकनीकी शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया।  विश्वविद्यालय में गड़बड़ी के मामले को लेकर सबनानी ने कहा, आरजीपीवी में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कराई जानी चाहिए। जरूरत पड़े तो धारा 54 का इस्तेमाल करते हुए विश्वविद्यालय पर कार्रवाई की जानी चाहिए। यह वही मुद्दा है, जिसमें RGPV में पदों पर अवैध नियुक्ति, फंड के दुरुपयोग, निर्माण कार्यों में अनियमितता और रैंकिंग-अप्रूवल से जुड़े मामलों में गंभीर गड़बड़ी के आरोप पिछले कुछ समय से चर्चा में हैं।

उज्जैन लैंड पूलिंग और IAS संतोष वर्मा का मामला
ब्राह्मण बेटियों पर विवादित बयान देने वाले आईएएस संतोष वर्मा को लेकर बीजेपी विधायक विश्वामित्र पाठक ने कहा कि सीएम मोहन यादव निश्चित ही कार्रवाई करेंगे। वहीं, कांग्रेस विधायक महेश परमार ने उज्जैन में लैंड पूलिंग स्कीम के अंतर्गत किसानों की जमीन लिए जाने का मामला उठाया। जिसके जवाब में नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा कर दी है, इसका निराकरण होना तय है। जल्द ही इसका पत्र उज्जैन के प्रशासन तक पहुंच जाएगा, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।

जबलपुर–मंडला के बीच नई ट्रेन चलाने को मंजूरी
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने संशोधन करने के बाद जबलपुर से मंडला को कनेक्ट कर नई ट्रेन चलाने की बात कही गई। नारायण सिंह पट्टा ने केंद्र शासन से आग्रह किया था कि मंडला रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना दुर्गावती स्टेशन मंडला किया जाए। साथ ही जबलपुर भोपाल ओवरनाइट एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस, जबलपुर से हजरत निजामुद्दीन की ओर जाने वाली गोंडवाना सुपरफास्ट एक्सप्रेस को मंडला स्टेशन तक चलाया जाए। इधर, शासकीय संकल्प के अंतर्गत इंजीनियर प्रदीप लारिया ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि सागर जिले के नरयावली और जरूआखेड़ा स्टेशन पर राज्य रानी सुपरफास्ट ट्रेन का स्टॉपेज किया जाए। सदन में इसे मंजूरी दे दी गई है और केंद्र सरकार को भेजने का फैसला किया गया। इसके अलावा विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने सागर जिले के देवरी का नाम बदलकर देवपुरी करने का प्रस्ताव रखा। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने इससे सहमति जताते हुए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही और कहा कि भारत सरकार से अनुमति नहीं दी है इसलिए इसे अग्राह्य किया जाए।