भोपाल में फर्जी स्टांप कारोबार का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार,11 पर FIR
भोपाल में 30 साल पुराने फर्जी स्टांप और टिकट कारोबार का खुलासा हुआ, जिसमें पुलिस ने चार गिरफ्तार और 11 के खिलाफ FIR दर्ज की है।
भोपाल: राजधानी में 30 साल पुराना फर्जी स्टांप कारोबार पकड़ा गया है। गिरोह मृत वकीलों की मुहर लगाकर स्टांप का दोबारा इस्तेमाल करता था। इसमें स्टांप वेंडर, वकील और दलाल शामिल थे। पुलिस ने 11 लोगों पर केस दर्ज किया है और प्रीतम प्रजापति, नरेश शहरिया , आरिफ और जतिन साहू को गिरफ्तार किया है, जबकि बाकी फरार हैं। आरोपियों के पास लाखों रुपए के फर्जी स्टांप मिले हैं।

चार आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
मामले की जानकारी देते हुए एसीपी अनिल भारद्वाज ने बताया कि राजधानी भोपाल में लंबे समय से नकली स्टांप एवं टिकटों की शिकायत मिल रही थी मुखबीर तंत्र की सूचना के आधार पर एमपी नगर पुलिस द्वारा बोर्ड ऑफिस चौराहे से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उसे तक में आरोपी द्वारा बताया गया कि शासकीय स्टांप उपयोग होने के बाद उनकी स्याही मिटा कर कलर प्रिंटर की मदद से दोबारा स्टांप एवं टिकटों को तैयार किया जाता था जिसको अवैध रूप से बैंकिंग सेक्टर एवं किराये नामे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था।
11 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज
इस प्रकरण में अब तक लगभग 11 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है मामले से जुड़े अन्य पहलुओं को भी पूर्ण रूप से ज्यांचा जा रहा है साथ ही पुलिस द्वारा यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपियों द्वारा बनाए गए फर्जी स्टांप एवं टिकटों का इस्तेमाल किन-किन जगहों पर किया गया है और मामले में आगे कितने लोग जुड़े हुए हैं अनुमानित तौर पर आरोपी लंबे समय से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे।
अन्य आरोपियों की तलाश जारी
आकाश साहू, विकास साहू, स्टाम्प वेंडर सुषमा साहू, नोटरी एडवोकेट हेमेन्द्र तिवारी, पवन प्रकाश शर्मा, मामा उर्फ गणेश लोंगरे और रोहित लोंगरे।पुलिस सभी फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।
sanjay patidar 
