कॉलेज द्वारा भेजे मूल्यांकन आधारित अंक विवि से गायब
रीवा | अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से सम्बद्धता रखने वाले ऐसे कॉलेज जो बीए बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम संचालित करते हैं उनमें पढ़ने वाले छात्र विवि प्रशासन की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं। एक मामला सतना के निजी कॉलेज रामकृष्णा महाविद्यालय का है जहां पढ़ने वाले छात्र रोजाना विश्वविद्यालय आकर यहां की खाक छानते हैं। इसी के साथ बाकी सभी निजी महाविद्यालय के विद्यार्थियों का यही हाल है।
बताया गया है कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय ने सतना के रामाकृष्णा कॉलेज के छात्रों का रिजल्ट रोककर रखा है। जिन छात्रों ने 2016 में बीएससी बीएड और बीए बीएड में एडमीशन लिया था, उन्हें अब जाकर अंतिम मार्कशीट मिली है, जिसमें आधे से अधिक छात्र फेल हो गए हैं। ताज्जुब की बात यह है कि जिन विद्यार्थियों के 92 प्रतिशत हैं वह भी अनुत्तीर्ण हैं क्योंकि विश्वविद्यालय ने उनके एटीकेटी का रिजल्ट जारी नहीं किया है। अब कोई छात्र पीजी में एडमीशन लेना चाहे तो वह नहीं ले सकता क्योंकि बिना एटीकेटी के परीक्षा परिणाम वह फेल माना जाएगा। ऐसा सिर्फ रामाकृष्णा कॉलेज के साथ नहीं है बल्कि उन सभी महाविद्यालय के छात्रों के साथ यही समस्या है जो बीए बीएड और बीएससी बीएड कोर्स में एडमीशन लिए हुए हैं।
विभाग ने गुमा दिए अंक
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक विवि ने रामाकृष्णा कॉलेज सहित कई निजी महाविद्यालयों द्वारा भेजे गए अंक खो दिए हैं। छात्रों को रिजल्ट न जारी कर पाने की यही वजह बताई जा रही है। मजे की बात यह है कि कॉलेजों ने विश्वविद्यालय को आॅनलाइन और आॅफलाइन दोनों फार्मेट में छात्रों के अंक भेजे हैं, ऐसे में अंक कैसे गुम हो गए यह जांच का विषय है। विश्वविद्यालय के रिजल्ट सेल में बैठने वाले अधिकारियों ने आॅनलाइन भेजे गए नम्बर कैसे गुमा दिए यह सोचने वाली बात है।
2019 में एडमीशन लिए, अब तक एक सेमेस्टर पूरा नहीं हुआ
रामाकृष्णा कॉलेज में जिन छात्रों ने 2019 में एडमीशन लिया था, उनका एक सेमेस्टर भी अब तक पूरा नहीं हुआ है। जबकि इसी दिसम्बर तक छात्रों के तीन सेमेस्टर पूरे हो जाने चाहिए थे। यानी कि विश्वविद्यालय के कारण विद्यार्थियों का एक साल से अधिक का समय बर्बाद हो गया है। छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया गया है जिसका रिजल्ट अब तक रोककर रखा गया है। रोजाना सतना से छात्र विश्वविद्यालय आते हैं और यहां रिजल्ट सेल से उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि कॉलेज द्वारा भेजे गए नम्बर गुम हो गए हैं।
अंतिम सेमेस्टर के छात्रों का रिजल्ट कर दिया खराब
रामाकृष्णा कॉलेज में जिन छात्रों ने 2016 में एडमीशन लिया था, उनके पहले सेमेस्टर की परीक्षा एक साल बाद जून 2017 में आयोजित हुई थी। अब जाकर छात्रों का कोर्स पूरा हुआ है। जबकि जून 2020 में कोर्स पूरा हो जाना चाहिए था। चिंता का विषय है कि जिन विद्यार्थियों को आठवें सेमेस्टर की मार्कशीट मिली है उसमें वह फेल हो गए हैं और पीजी में एडमीशन नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि विश्वविद्यालय ने बीएससी बीएड और बीए बीएड के एटीकेटी रिजल्ट नहीं जारी किए हैं। छात्र युनिवर्सिटी में भटक रहे हैं और उनकी परेशानी कोई सुनने वाला नहीं है।