कंपनी व अधिकारियों ने बदल दिया त्योंथर फ्लो का नक्शा

रीवा | त्योंथर फ्लो नहर निर्माण में मेंटेना कंपनी व अधिकारियों की मिलीभगत से नहर का नक्शा ही बदल दिया है। ताज्जुब की बात यह है कि जिन भूमियों का अधिग्रहण कर मुआवजा वितरण किया गया था, उसमें खोदाई न कर ऐसी भूमियों को चिन्हित कर नहर निकाली जा रही है जिनका न तो अधिग्रहण ही किया गया है और न ही मुआवजा ही दिया गया है। पट्टेदारों को ठेका कंपनी के गुर्गों द्वारा डरा धमका कर जबरन नहर की खोदाई का काम किया जा रहा है। इस कार्य में विभाग के अधिकारी भी कंपनी का साथ दे रहे हैं। खास बात यह है कि किसानों द्वारा सीमांकन के लिए दिए गए आवेदन को भी कचरे के ढेर में फेंक दिया है।

जिले के तराई अंचल ग्राम गाढ़ा 138 से निकलने वाली त्योंथर फ्लो का निर्माण कर रही मेंटेना कंपनी पट्टेदारों को धमकाकर जबरन खोदाई कर रही है। जिन भूमियों का नहर निर्माण के लिए अधिग्रहण किया गया था, उन पट्टेदारों को उपकृत किया जा रहा है। ऐसे में वह किसान परेशान हो रहे हैं जिनकी भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया और न ही मुआवजा दिया गया। उसकी जमीन से नहर निकाली जा रही है।

नहीं कराया सीमांकन
त्योंथर फ्लो का निर्माण कर रही मेंटेना कंपनी की जबरदस्ती के बाद किसानों द्वारा सीमांकन के लिए  तहसीलदार जवा एवं एसडीएम त्योंथर को आवेदन दिया गया। बावजूद जमीनों का सीमांकन तक नहीं किया गया। ऐसे में यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक अधिकारी भी ठेका कंपनी के साथ मिले हुए हैं। बताया गया है कि आराजी नम्बर 1073/22, 1074/2 का नहर निर्माण के लिए अधिग्रहण किया जाकर उसका मुआवजा दिया गया है। परंतु कंपनी एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा उक्त भूमियों को छुआ तक नहीं गया है। जबकि उसी से लगी भूमि आराजी नं. 1076/2.1, 1077/2 तथा 1086 में नहर खोदाई का कार्य किया जा रहा है। जिसका न तो अधिग्रहण हुआ है और न ही मुआवजा दिया गया है। उक्त भूमि श्रीमती दुर्गा तिवारी पति रमेश कुमार तिवारी की है। 

शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने की दे रहे धौंस
त्योंथर फ्लो की नहर के लिए जो नक्शा पहले प्रकाशित किया गया था, उससे हटकर नहर का निर्माण किया जा रहा है। श्रीमती दुर्गा तिवारी द्वारा बताया गया कि उन्हें कंपनी के कर्मचारी द्वारा यह धमकी भी दी जा रही है कि शासकीय कार्य में अगर बाधा पहुंचाओगे तो मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा। पट्टेदार का कहना है कि अधिग्रहीत की गई भूमि एवं दिए गए मुआवजे की भूमि से नहर निकाली जाए एवं अनैतिक रूप से की जा रही खोदाई पर रोक लगाई जाए। 

जिस रिकार्ड में मप्र शासन दर्ज उस पर नहीं कर रहे खोदाई
त्योंथर फ्लो नहर निर्माण के लिए अधिग्रहीत की गई भूमियों में मप्र शासन दर्ज है उन भूमियों को विभाग के अधिकारियों ने छुआ तक नहीं और मेंटेना कंपनी ऐसी भूमियों पर खोदाई शुरू कर दी जो राजस्व रिकार्ड में आज भी पट्टेदार के नाम से दर्ज है। बताया गया है कि सिंचाई विभाग के अनुविभागीय अधिकारी देवेन्द्र सिंह के द्वारा पूर्व में मप्र शासन में अधिग्रहीत तथा जिस भूमि का मुआवजा स्व. बलिकरण प्रसाद ओझा को भुगतान किया गया है, उस भूमि से नहर न निकालकर दुर्गा तिवारी की भूमि में अवैधानिक तरीके से नहर बनवाई जा रही है।

दुर्गा देवी तिवारी ने इस ज्यादती को लेकर कलेक्टर रीवा को इस आशय का आवेदन दिया है कि ठेकेदार एवं अधिकारियों द्वारा उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। बताया गया है कि स्वयं के आधिपत्य की आराजी क्र. 1077/2,  1076/21, 1086 प्रार्थी की पत्नी के आधिपत्य की आराजी है। जिसमें कब्जा दखलकर खेती आदि काश्तकारी की जा रही है। प्रार्थी की जमीन से लगी हुई पश्चिम की ओर खसरा नंबर 1073/2, 1074/2 में पूर्व में नहर निर्मित थी। जो सिंचाई विभाग के राजस्व अभिलेख में दर्ज है।

खसरा क्र. 1073/2, 1074/2 की कुल भूमि रकवा 0.0730 तथा 0.0320 हेक्टेयर का मुआवजा भी भू. स्वामी के द्वारा लिया जा चुका है। वर्तमान खसरा में भी उक्त 1073/2, 1074/2 में म.प्र. शासन सिचाई विभाग के नाम दर्ज है। भूमि का मुआवजा पूर्व में भी नहीं दिया गया एवं मप्र शासन में अधिगृहीत भी नहीं किया गया है। आज भी खसरे मे कहीं भी मेरी भूमि खसरा क्र. 1077/2, 1076/21 तथा 1080 में नहर दर्ज नहीं है।