विदिशा में राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में 45 लाख का बड़ा घोटाला
विदिशा में 68वीं राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता के आयोजन में 45 लाख रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है।

विदिशा में आयोजित 68वीं राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि शासन से बजट न मिलने के बावजूद आयोजकों ने बच्चों की फीस से प्रतियोगिता करवाई और फिर फर्जी खर्चों का हवाला देकर करीब 45 लाख रुपये की राशि में गड़बड़ी की। आयोजन के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए इस पूरे खर्च को कागजों में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। जिसकी अब जांच की मांग उठ रही है।
पिछले साल 8 से 12 नवम्बर 2024 तक विदिशा में 68वीं राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। शासन ने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए कोई राशि जारी नहीं की थी। लेकिन फिर भी आयोजन करवा लिया गया। आरोप है की आयोजकों ने बच्चों से ही प्रतियोगिता शुल्क लिया और फिर खर्च के नाम पर फर्जी बिल वाउचर लगाकर भारी रकम निकाल ली। इस पुरे मामले में 45 लाख रुपए का घोटाला हुआ।
इस प्रतियोगिता में देशभर के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। गाइडलाइन के मुताबिक शालेय खेलों का आयोजन शासन की राशि से होता हैं और बच्चों से पैसे नहीं लिए जाते। लेकिन आयोजकों ने बच्चों और उनके अभिभावकों से रजिस्ट्रेशन और अन्य शुल्क लिया था।
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मामला यहीं खत्म नहीं होता। आरोप है कि लेखापाल व अन्य अधिकारियों ने मिलकर शासन को धोखा दिया और दस्तावेजों में हेराफेरी कर डाली। इतना ही नहीं, पहले भी कई बार प्रतियोगिताओं में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। लेकिन इस बार राशि का आंकड़ा बड़ा होने से खेल विभाग और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
अब इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार और विभाग से सवाल कर रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहित रघुवंशी का कहना है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है और सरकार जिम्मेदारों को बचा रही है। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने अपराध अनुसंधान में शिकायत करने की बात भी कही है।