शटर बंद, धंधा चालू, रीवा में शराब बिक रही है रात भर, प्रशासन बना तमाशबीन

एक बात फिर खुल गए आहाते, चखना से लेकर बैठने तक की पूरी व्यवस्था. जिले में खामोश है सिस्टम, बेखौफ है शराब माफिया, हर बोतल की डिलीवरी में बंधी है सिस्टम की चुप्पी

शटर बंद, धंधा चालू, रीवा में शराब बिक रही है रात भर, प्रशासन बना तमाशबीन

ऋषभ पांडेय की रिपोर्ट 

रीवा जिले में देर रात को 11:30 के बाद आपको दवा और रोजमर्रा से जुड़ी किसी चीज की जरुरत हो तो शायद आपको अगले दिन का इंतजार करना होगा, लेकिन शराब आपको पूरी रात मिल जाएगी। शराब दुकानों को बंद करने का समय रात 11.30 बजे तय है, लेकिन शराब दुकानदार पूरी रात शटर डाउन कर शराब खुलेआम बेच रहे हैं। लाइसेंसी दुकान बंद भी हो जाए तो ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं है, बस डेढ़ गुना अधिक रुपए देने होंगे और दुकान के सामने बनी छोटी खिडक़ी से शराब मिल जाएगी। शराब दुकान के संचालक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, लेकिन आबकारी विभाग गहरी नींद में सो रहा है।

इसलिए प्रशासन की नाक के नीचे पूरी रात शराब की धड़ल्ले से बिक्री होती है। जिसका एक वीडियो पब्लिक वाणी ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिखाया है जिसमे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह से दुकान के शटर में बनाई गई छोटी-सी खिड़की से रात 11:30 बजे के बाद भी शराब की बिक्री जारी है। शराब की दुकानें रात 11:30 बजे के बाद बंद होना अनिवार्य है, लेकिन समय में दुकानें बाहर से बंद ज़रूर हो जाती हैं, मगर भीतर से शराब बेची जा रही है। यह कोई पहली घटना नहीं है, जब नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया हो।

जिले में ओवररेटिंग, निर्धारित समय के बाद बिक्री और अवैध अहातों का संचालन अब आम बात हो गई है। बता दे हाल ही में रीवा कलेक्टर ने सभी आबकारी अधिकारियों और शराब दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ओवररेटिंग, अनियमित बिक्री और अवैध अहातों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके ज़मीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। मतलब साफ है सारे आदेश केवल हवा में है जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। वही मतलब भी साफ है शराब दुकान में अवैध बिक्री के हिस्सेदारी में सब सहभागी है। 

शटर की खिड़की से सरकाते हैं पसंदीदा ब्रांड

बता दे रीवा जिले में नियमानुसार शराब दुकानें रात 11:30 बजे बंद हो जाती हैं, क्योंकि शराब ठेकेदार शटर बंद करने का नियम पूर्ण रूप से पालन कर रहा है लेकिन यह केवल दिखावा है हकीकत तो कुछ और ही है जो शटर बंद होते ही छोटी सी बनी खिड़की को देखने के बाद नजर आती है,शराब ठेकेदारों ने दुकान के शटर न एक छोटी सी खिडक़ी बना रखी है, यहां से रातभर आपको शराब मिल जाएगी। क्योंकि इन सब नियमों का पालन करने के लिए शासन ने जिस विभाग को जिम्मेदारी दी है और तैनात किया है वह शायद अपनी जिम्मेदारी भूल कर इन शराब ठेकेदारों का वफादार बनकर रह गया है। 

रेट लिस्ट नदारद, मनमानी कीमत वसूली आम

नियमों के अनुसार, शराब दुकानों पर रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य है, जिससे ग्राहकों को एमआरपी पर शराब मिल सके। परंतु, शहर की अधिकांश दुकानों पर रेट लिस्ट नज़र नहीं आती। कुछ दुकानदारों ने निर्देश के बाद अस्थायी रूप से रेट लिस्ट लगाई भी, लेकिन कुछ ही घंटों में वह भी गायब हो गई। वही ग्राहकों से एमआरपी से अधिक कीमत  वसूलना यहाँ आम बात बन चुकी है। जब ग्राहक विरोध करते हैं तो उन्हें यही कह दिया जाता है,जहाँ सस्ती मिलती है, वहाँ से खरीद लो। नहीं तो पीटने के लिए तैयार रहो। 

अवैध अहातों का संचालन भी जोरों पर

प्रावधानों के अनुसार, शराब दुकानों के आसपास सेवन प्रतिबंधित है, लेकिन जिले में कई दुकानों के पास अवैध अहाते संचालित हो रहे हैं, जहाँ बैठकर शराब पीने की पूरी व्यवस्था है। चखना और नमकीन तक की सुविधा दुकानों के पास की छोटी दुकानों में उपलब्ध है। जबकि राज्य शासन का साफ तौर पर निर्देश है  दुकानों के समीप अहाते संचालित नहीं किए जाएंगे। उसके बावजूद ठेकेदार ने बंद पड़े हुए आहतों के शालू को कॉल कर खुलेआम आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए अहाते संचालित किया जा रहे हैं

कार्रवाई के बजाय आबकारी विभाग खिड़कियों पर वेल्डिंग कराते आया नजर 

विडंबना देखिए, जब इस पूरे मामले की वीडियो पब्लिक वाणी ने प्रमुखता के साथ अपने डिजिटल प्लेटफार्म में चलाया तो अगली ही सुबह आबकारी विभाग के आला अधिकारियों ने इन खिड़कियों पर वेल्डिंग करवा दी। ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय केवल खिड़कियां बंद करवाना, प्रशासन की गंभीरता पर सवाल उठाता है।

सिपाही से लेकर टीआई तक बंधे हैं बोतलों के धंधे से 

पूरे मामले में सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने बताया कि इन दिनों रीवा जिले में ठेकेदारों की मनमानी और अवैध शराब की पैकारी चरम पर है। रीवा जिले के सभी थानों में अंतर्गत आने वाली शराब दुकानों से हर थाना प्रभारी से लेकर सिपाही तक को माहवारी मिलती है। वही सभी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव-गांव में अनेक शराब पैकारो से से भी मोटी रकम थानों में पहुंचती है। जिसके कारण शराब की अवैध बिक्री सहित अवैध पैकारी होती है, उन्होंने कहा कि यह पूरा अवैध कारोबार आबकारी विभाग सहित पुलिस के संरक्षण में भी संचालित होता है।