मध्यप्रदेश में विकास पर कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस
कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के विकास, स्वास्थ्य, रोजगार, निवेश और शासन सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा कर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।

मध्यप्रदेश में आज 7 अक्टूबर से कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हो चुकी है। इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन प्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में किया गया है। 2 दिवसीय इस आयोजन में मध्यप्रदेश के विकास को लेकर अगले 1 साल में क्या-क्या करना है, किन चीजों पर फोकस करना है, उन पर बात की जाएगी और एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय कुमार शुक्ला सहित सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर्स, सीईओ जिला पंचायत, शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस-2025 का शुभारंभ किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है।
जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, हमें यह विश्वास बनाए रखना है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 7, 2025
आज भोपाल में दो दिवसीय 'कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस' का शुभारंभ कर संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश में सुशासन और समावेशी विकास के लिए प्राण-प्रण से कार्य करने के लिए अधिकारियों को कहा।
प्रदेश के सर्वांगीण… pic.twitter.com/uGMQ47ypZ5
इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। 7-8 अक्टूबर तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। सत्र में कृषि, स्वास्थ्य एवं पोषण, रोजगार, उद्योग और निवेश, शहरी विकास जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, एनएचएम निदेशक और अन्य अधिकारी स्वास्थ्य और पोषण पर चर्चा करेंगे। इसी के साथ प्रमुख सचिव रोजगार, उद्योग और निवेश पर, अपर मुख्य सचिव शहरी मुद्दों और अच्छे शासन व्यवस्था को लेकर बातचीत करेंगे।
कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा की-
"शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनता के कल्याण के लिए शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है। लोक सेवकों का यह दायित्व है कि वे अपनी प्रतिभा, लगन, क्षमता और समर्पण के साथ जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हम सब देश और समाज के विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें।"
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों को लेकर भी चर्चा की और कहा-
"इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में इसी बात पर मंथन किया जाएगा कि शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत कैसे बनाया जाए, ताकि योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से जनता तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि जिलों में तैनात अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान कायम करें। किसी भी ज्वलंत विषय पर पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। स्थानीय जनता, मीडिया, जनप्रतिनिधियों और शासन, प्रशासन से निरंतर आत्मीय संवाद बनाए रखें। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें, लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले।"
कॉन्फ्रेंस में केंद्र और राज्य की प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी। इसमें हर क्षेत्र में प्रदर्शन के आधार पर टॉप 5 जिलों और सबसे कमजोर 5 जिलों को चिन्हित किया जाएगा। फिर उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा। आठ सेक्टरों के सत्रों के लिए सभी को 75-75 मिनट दिए जाएंगे, जिसमें प्रस्तुति के लिए सभी को 20-20 मिनट दिए जाएंगे।