10 साल से चल रहा था फर्जी जमानत का खेल, इंदौर पुलिस ने दबोचा मास्टरमाइंड
इंदौर क्राइम ब्रांच ने फर्जी ऋण पुस्तिका से जमानत करवाने वाले गिरोह के फरार आरोपी को किया गिरफ्तार, कुल 37 आरोपी अब तक हो चुके हैं गिरफ्तार

25 जुलाई 2025 को इंदौर क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी ऋण पुस्तिका के ज़रिए कोर्ट से जमानत करवाने वाले गिरोह से जुड़े तीन साल से फरार चल रहे आरोपी रमेश कलोता को गिरफ्तार किया है। आरोपी रमेश (उम्र 61 वर्ष), ग्राम बड़ौडी, हतोद इंदौर का निवासी है।
अब तक कुल 37 गिरफ्तारी
इस मामले में अब तक कुल 37 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह गिरोह पिछले लगभग 10 सालों से फर्जी जमानतदार बनकर गंभीर अपराधों में लिप्त आरोपियों की जमानत करवाता रहा है।
आरोपी से 3 फर्जी ऋण पुस्तिकाएं बरामद
आरोपी रमेश कलोता के पास से क्राइम ब्रांच ने 3 फर्जी ऋण पुस्तिकाएं और एक नोटराइज्ड स्टाम्प जब्त किया है, जो एक ऋण पुस्तिका खो जाने के नाम पर तैयार किया गया था। पूछताछ में रमेश ने कबूला कि वह अन्य साथियों के साथ मिलकर गिरफ्तार आरोपियों के परिवार वालों से मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमानत करवाता था।
कोर्ट से मिली 10 मामलों की जानकारी
पुलिस द्वारा अलग-अलग न्यायालयों से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि रमेश कलोता ने कम से कम 10 मामलों में फर्जी ऋण पुस्तिका का उपयोग कर ज़मानत ली है। संबंधित न्यायालयों को पत्र भेजकर इन जमानतों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
पूर्व में भी हो चुकी है कार्रवाई
इसी प्रकरण में पहले गिरफ्तार आरोपी केदार डाबी ने दोबारा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर चर्चित कल्पेश याग्निक आत्महत्या मामले में आरोपी सलोनी अरोरा की जमानत ली थी। इस पर भी अलग से मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में हुई कार्रवाई
पुलिस आयुक्त श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर इंदौर पुलिस धोखाधड़ी और छलकपट से जुड़े मामलों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री मनोज श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त श्री राजेश त्रिपाठी और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्री राजेश दंडोतिया के मार्गदर्शन में एसआईटी टीम बनाई गई थी। इस टीम का नेतृत्व सहायक पुलिस आयुक्त श्री देवेन्द्र सिंह धुर्वे ने किया।
आगे की कार्रवाई जारी
आरोपी को गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच थाना इंदौर में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के अंतर्गत मामला दर्ज कर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में भी जुटी हुई है।