नशा कारोबार के सरदार को मऊगंज पुलिस ने बनारस से किया गिरफ़्तार, उत्तर प्रदेश से मऊगंज सीधी रीवा सिंगरौली सतना तक भेजता था नशे की बड़ी खेप
उत्तर प्रदेश के बनारस निवासी सुमित केसरी ने मेडिकल स्टोर में काम करते हुए मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में कफ सिरप की तस्करी का संगठित नेटवर्क खड़ा कर लिया था। उसने वाराणसी में नीलकंठ इंटरप्राइजेज नाम से एजेंसी खोलकर प्रतिबंधित कफ सिरप की अवैध आपूर्ति शुरू की और मऊगंज, रीवा, सीधी, सतना, शहडोल और सिंगरौली में नेटवर्क फैलाया।

राजेंद्र पयासी-मऊगंज
उत्तर प्रदेश के बनारस का एक युवक जो मेडिकल स्टोर में कर्मचारी के रूप में काम करते करते नशे के साम्राज्य' का सरगना बन बैठा।
शातिर दिमाग कारोबारी उत्तर प्रदेश के बनारस की एक दुकान में कर्मचारी के रूप में काम करते हुए मध्य प्रदेश के मऊगंज रीवा सतना सिंगरौली सीधी जैसे शहर से गांव तक तार जोड़कर प्रतिबंध कफ सिरप की बड़ी खेत भेजता था लेकिन रीवा आईजी गौरव राजपूत द्वारा नशे के खिलाफ चलाए गए अभियान एवं कारोबारी के कारोबार को नेस्तनाबूद करने तथा इस अवैध कारोबार में जुड़े कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए चलाए गए मिशन के तहत बड़ा कारोबारी मऊगंज पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी के निगाहों से नहीं बच पाया।
मऊगंज पुलिस द्वारा नशे का साम्राज्य चलने वाले इस सरदार को अब सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। मऊगंज पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तस्कर को बनारस से गिरफ्तार कर लिया है, जो वर्षों से विंध्य क्षेत्र में नशीली कफ सिरप की तस्करी का नेटवर्क चला रहा था।
केसरी बन गया नशे का नवाब-
मऊगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया आरोपी सुमित केसरी उत्तर प्रदेश के बनारस का निवासी है। शुरुआत में वह केसरी मेडिकल स्टोर में एक सामान्य कर्मचारी के रूप में काम करता था।
लेकिन यहीं से उसने नशे के काले कारोबार की दुनिया में कदम रखा उसे जानकारी मिली कि विंध्य क्षेत्र में विशेषकर मऊगंज, सीधी, रीवा, सतना और शहडोल में नशीली कफ सिरप की भारी मांग है,काम का अनुभव मिलते ही उसने नीलकंठ इंटरप्राइजेज नाम से वाराणसी के शिवदासपुर में मेडिकल एजेंसी खोली और एजेंसी की आड़ में कफ सिरप की अवैध आपूर्ति शुरू कर दी और देखते ही देखते कुछ ही महीनों में उसका नेटवर्क पूरे विंध्य क्षेत्र में फैल गया।
कारोबारी इतनी चालाकी से प्रतिबंधित नशे के कारोबार के सिस्टम में वह तस्करों को सुनसान जगहों पर माल डिलीवर करता था और बिल बनारस के मेडिकल दुकानों के नाम पर काटता था, जिससे उसका नाम किसी रिकॉर्ड में न आए।
नेशनल कबड्डी खिलाड़ी से खुला राज-
मऊगंज पुलिस ने 28 मार्च 2025 को सीधी जिला निवासी एक नेशनल कबड्डी खिलाड़ी अमित सिंह चौहान को टोयोटा कार में 2160 सीसी कफ सिरप की खेप के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह खेप सुमित केसरी से आई थी। इसी मामले में पहली बार सुमित के खिलाफ मऊगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।
इसके बाद पुलिस ने सुमित की गतिविधियों पर गहराई से निगरानी शुरू की। पता चला कि वह मेडिकल फर्म के माध्यम से बनारस से माल मंगवाकर एमपी के विभिन्न जिलों मऊगंज, रीवा, सीधी, सतना, शहडोल व सिंगरौली में ऊंचे दामों पर तस्करों को बेचता था।
चंद महीने में लाखों रुपये का ऑनलाइन लेन-देन-
मऊगंज पुलिस को एक गुप्त सूचना के आधार पर सुमित केसरी की लोकेशन मिली और टीम ने वाराणसी पहुंचकर उसे धरदबोचा। तीन दिन की रिमांड में पूछताछ के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने मात्र तीन महीने में ऑनलाइन 40 लाख रुपये का ट्रांजक्शन किया है।
ऑफलाइन कमाई इससे कहीं अधिक हो सकती है। मोहन पुलिस द्वारा आरोपी का फोन डेटा खंगालने पर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के कई तस्करों के नाम भी मिले हैं, जिनसे सुमित संपर्क में था। खास बात यह रही कि आरोपी सिर्फ दसवीं पास है, लेकिन मेडिकल सप्लाई की आड़ में इतना संगठित नेटवर्क चलाता था कि तस्करों तक भी उसके अड्डे की जानकारी नहीं होती थी।
कफ सिरप के बैच नंबर से खुली पोल-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जिस बैच नंबर की कफ सिरप जब्त की गई थी, वह सुमित केसरी की फर्म को सप्लाई हुई थी। यहीं से पुलिस को पहला पुख्ता सुराग मिला और आगे की कार्रवाई शुरू हुई।
पुलिस ने अब तक आरोपी पर 5000 सीसी से अधिक कफ सिरप की तस्करी के आरोप में केस दर्ज किया है। रीवा, सीधी और मऊगंज सहित कई जिलों में उस पर प्रकरण दर्ज हैं। बताया गया है कि आगामी दिसंबर में सुमित केसरी की शादी की तैयारियां चल रही थीं इधर सेहरा बंधने से पहले ही पुलिस ने उसके काले कारोबार का पर्दाफाश कर उसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया।
अब सेहरा की जगह उसके हाथों में हथकड़ी है और जेल की सलाखें उसका नया ठिकाना बन चुकी हैं।
इन्होंने कहा-
अवैध नशे के खिलाफ जिले में अनवरत कार्यवाही जारी है। आरोपी सुमित केसरी तीन प्रकरणों में वांछित था, उसे बनारस से गिरफ्तार कर राउंडअप किया है। उसके पास मेडिकल फर्म हैं। उससे पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग और दस्तावेज मिले हैं। तफ्तीश अभी जारी है जिन तस्करों से इसका संपर्क था, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
विक्रम सिंह परिहार
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मऊगंज