MP: वन अधिकार मुद्दे पर उमंग सिघार का आरोप, सीएम ने दिया जवाब, बोले- सरकार विपक्ष के साथ काम करने को तैयार

विधानसभा में उठा वन अधिकार पट्टों का मुद्दा, विजय शाह ने दिया जवाब, CM ने कहा- बारिश के समय आवास छीनना बर्दाश्त नहीं

MP: वन अधिकार मुद्दे पर उमंग सिघार का आरोप, सीएम ने दिया जवाब, बोले- सरकार विपक्ष के साथ काम करने को तैयार

MP Monsoon Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में आज वन अधिकार पट्टों का मुद्दा छाया रहा. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने वन क्षेत्रों में आदिवासियों को पट्टे न मिलने का मामला उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. सिंघार ने कहा कि 2005 से अब तक हजारों आदिवासियों को पट्टे नहीं दिए गए हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार सेटेलाइट इमेज जैसे आधुनिक तकनीकी साधनों का इस्तेमाल नहीं कर रही और भोले-भाले आदिवासियों से ऑनलाइन आवेदन भरवाकर उन्हें पेंडिंग में डाल दिया जाता है.

नेता प्रतिपक्ष ने दी AI के उपयोग की सलाह

MP Vidhan Sabha News:  नेता प्रतिपक्ष (Umang Singhar) ने इस विषय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक के उपयोग की सलाह दी, ताकि सटीक जानकारी के आधार पर सही निर्णय लिए जा सकें. उन्होंने कहा.कि अगर सेटेलाइट इमेज और AI का सही इस्तेमाल किया जाए, तो यह पता लगाया जा सकता है कि 2005 में किस व्यक्ति का किस जमीन पर वास्तविक कब्जा था. सिंघार के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी वन पट्टा नहीं दिया गया, जबकि भाजपा सरकार ने अब तक 26,500 पट्टे आदिवासियों को प्रदान किए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी में नहीं देखना चाहती. 

विजय शाह ने दिया नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब

जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने भी सदन में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सेटेलाइट इमेज को अब सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराया जा रहा है, और इन्हीं इमेजेस के जरिए से दिसंबर 2005 की स्थिति की समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा. इससे स्पष्ट हो सकेगा कि किसका उस समय किस जमीन पर वास्तविक कब्जा था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार वन क्षेत्रों में आदिवासियों के सुविधायों के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हजारों वर्षों से बसे वन ग्रामों में विकास सुनिश्चित करना सरकार की पहली प्राथमिकता है. डॉ. यादव ने सदन में यह भी घोषणा की कि उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बारिश के समय किसी आदिवासी का आवास न छीना जाए. उन्होंने कहा, “धरती आबा योजना और अन्य विकास योजनाएं आदिवासियों के लिए हैं, और विपक्ष चाहे तो हम उनके साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.