सिंहपुर गोलीकांड: दरोगा और सिपाही को नहीं मिली जमानत
सतना। गैर इरादतन हत्या के प्रकरण में पांच माह से फरार चल रहे निलंबित दरोगा और सिपाही की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने पुलिस की विवेचना और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयासों पर असंतोष जाहिर किया है। फरार चल रहे दरोगा और सिपाही की गिरफ्तारी पर आईजी रीवा जोन के द्वारा 30-30 हजार रुपए का इनाम घोषित है।
निचली अदालत से भी नहीं मिली थी राहत
गैर इरादतन हत्या के आरोपी दरोगा विक्रम पाठक और सिपाही आशीष सिंह के द्वारा नागौद न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया गया था लेकिन अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया था तब दोनों के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। बताया गया कि हाईकोर्ट में शासन की तरफ से डिप्टी एडवोकेट जनरल अजय प्रताप सिंह ने पैरवी की जबकि आरोपियों की तरफ से अधिवक्ता मनीष दत्त ने पैरवी की। हाईकोर्ट ने सतना पुलिस की विवेचना पर संतोष जताया है।
कुर्क हो चुकी है सम्पत्ति
फरार चल रहे आरक्षक आशीष का मैहर तहसील के नौगवां हल्का स्थित मोहनिया गांव में ढावा है। आराजी क्र. 70/1/1/क/1 एवं आराजी क्र. 70/1/2 में बने इस ढावे को कुर्क किया जा चुका है। आशीष के बैंक खाते में जमा 4 हजार रुपए भी कुर्क कर लिए गए हैं जबकि दरोगा विक्रम पाठक की चल-अचल सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं मिल पाया है। विक्रम के खाते में जमा 80 हजार रुपए की राशि को कुर्क कर आहरण पर रोक लगा दी गई है।
मालखाने में गोली लगने से गई थी संदेही की जान
27 सितम्बर 2020 को चोरी के प्रकरण में संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए राजपति कुशवाहा को सिंहपुर थाने लाया गया था। थाने के मालखाने में तत्कालीन थानेदार विक्रम पाठक और सिपाही आशीष सिंह के द्वारा पूछताछ की जा रही थी। इसी दौरान थानेदार विक्रम की सर्विस रिवाल्वर से गोली चली। गोली लगने से घायल राजपति की इलाज के दौरान रीवा में मौत हो गई। इस मामले में विक्रम पाठक और आशीष को निलंबित कर दोनों के विरुद्ध सिंहपुर थाना में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।