महंगी दर पर बिजली खरीद कर भारी भ्रष्टाचार किया गया: जीतू पटवारी

भोपाल | सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट को बंद कर निजी क्षेत्र से बिजली खरीदने का मामला तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि साजिशन उस प्लांट की दो इकाई बंद कर निजी क्षेत्र से महंगी दर पर बिजली खरीदी गई। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है और नियम 52 के तहत सदन में चर्चा कराने की मांग की है। जीतू पटवारी ने अपने पत्र में लिखा है कि निजी बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सिंगाजी पावर प्लांट की इकाई बंद की गई और महंगी दर पर बिजली खरीद कर भारी भ्रष्टाचार किया गया। जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग की है। 

उनकी इस मांग का कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और विशाल जगदीश पटेल ने समर्थन किया है। जीतू पटवारी ने पत्र में लिखा है कि सिंगाजी ताप परियोजना की इकाई 3 और 4 की टरबाइन टूटने का हवाला दिया गया और उसके बाद उत्पादन बंद कर दिया गया। ये इकाई जो 6600 करोड़ में बनाई थीं। पटवारी का आरोप है कि ये उत्पादन ठप करने की साजिश थी। कांग्रेस विधायक ने निजी क्षेत्र से बिजली खरीदी में 100 से 200 करोड़ के लेनदेन का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायक ने इस बात का भी आरोप लगाया है कि पावर प्लांट की इकाई में उत्पादन को बंद कर निजी क्षेत्र से 14 प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीदी गई है।इसका बोझ आम जनता की जेब पर पड़ा है।

सरकार से मांगा जवाब
जीतू पटवारी ने ये भी आरोप लगाया कि बिजली के क्षेत्र में अधिकारियों और निजी कंपनियों की मिलीभगत के कारण बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने इस पर सरकार से जवाब मांगा है कि सिंगाजी पावर प्लांट के लिए सरकार की कार्य योजना क्या है। 
विधानसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब को कांग्रेस विधायक ने अधूरा बताया। इस बात की शिकायत भी विधानसभा अध्यक्ष से की है कि पूरे मामले में तथ्यों को छुपाया गया है।