नक्सली मुठभेड़ में हॉकफोर्स के इंस्पेक्टर शहीद
नक्सली मुठभेड़ में हॉकफोर्स के इंस्पेक्टर शहीद छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश की टीम को लीड कर रहे थे, मिल चुके थे दो वीरता पदक
बालाघाट में नक्सलियों से मुठभेड़ में हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की गोली लगने से मौत हो गई है। एंटी नक्सल ऑपरेशन डीजी पंकज श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की । डीजी ने बताया कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया था।
तीनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र के बोर तालाब के पास नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी थी। इस दौरान पुलिस पार्टी रवाना हुई थी। इसी दौरान मुठभेड़ में आशीष शर्मा को गोली लग गई। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आशीष इस टीम को लीड कर रहे थे।
जनवरी में होने वाली थी शादी
आशीष शर्मा मूल रूप से मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में गाडरवारा के रहने वाले थे। उनका चयन 2016 में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था। इससे पहले, वह इंटेलीजेंस में आरक्षक के पद पर सेवाएं दे रहे थे। नक्सलियों का एनकाउंटर करने पर पुरस्कार स्वरूप मप्र सरकार द्वारा आउट आफ टर्न प्रमोशन मिला था। पिछले दो साल में भारत सरकार द्वारा दो वीरता पदक मिला। पारिवारिक मित्रों ने बताया कि उनकी शादी तय हो गई थी, जनवरी में शादी होनी थी।
CM ने दी श्रद्धांजलि
सीएम डॉ. मोहन यादव ने आशीष शर्मा को X पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- आज मप्र हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के जंगलों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अभूतपूर्व वीरता और साहस का प्रदर्शन किया। नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। उन्हें पूर्व में कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस, असाधारण बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए दो बार भारत सरकार द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था।

