चोरी छिपे संचालित हो रहीं कोचिंग, फीस के चक्कर में स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
रीवा | कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड 19 का प्रकोप दिन-ब-दिन व्यापक होता जा रहा है। 22 मार्च से हर जगह के शैक्षणिक संस्थान सहित कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया था। मगर जून माह से चोरी छिपे कोचिंग सेंटर शुरू हो गए हैं। बाहर से शटर बंद रहता है और अंदर बच्चों की खचाखच भीड़ जमा हो जाती है। दुर्भाग्य की बात है कि सरकार और जिला प्रशासन के आदेश की अवहेलना तो हो ही रही है इसके साथ ही फीस वसूलने की फिराक में बैठे कोचिंग संचालक बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
संचालित हो रहे यह संस्थान
वैसे तो जिले के अंदर कई कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं। कुछ किराए के कमरों में तो कुछ घर में। हालांकि ‘स्टार समाचार’ की टीम ने जो पड़ताल की उसमें अब तक ढेकहा की ओजस कोचिंग सेंटर, वीके कामर्स कोचिंग सेंटर, रमागोविंद पैलेस में स्थित सक्सेना कोचिंग, बोदाबाग में आरके मिश्रा कोचिंग सेंटर, शांति विहार में मनीष निगम कोचिंग चला रहे हैं और प्राइमरी से लेकर हायर सेकेण्ड्री के छात्रों की कक्षाएं सुबह 6 बजे से लेकर 9 बजे तक चलाते हैं। सड़कों में भी छात्र बस्ता लिए हुए देखने को मिल जाते हैं।
जिम्मेदार बेखबर
सरकार ने नियम बनाया है तो उसका पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। जो कोचिंग संस्थान सरकारी नियम की अवहेलना कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात कोविड काल में बच्चों के स्वास्थ्य को सिर्फ फीस के लिए खतरे में डाल रहे हैं उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे न सिर्फ ऐसे कोचिंग संस्थान संचालकों का मनोबल बढ़ता है जिन्होंने अपनी कोचिंग बंद कर रखी हैं। देखासिखी सभी कोचिंग चलाने लगेंगे।