एईबी के मुखिया ने संभाला पदभार, कहा- पेंडेंसी समाप्त करना पहली प्राथमिकता

सतना | राज्यकर विभाग के एंटी इवेजन ब्यूरो सतना के नये मुखिया संयुक्त आयुक्त गणेश सिंह कंवर ने मंगलवार सुबह पदभार ग्रहण कर लिया। हाल ही में पदोन्नति होकर संयुक्त आयुक्त बने श्री कंवर की नई पदस्थापना एईबी सतना के मुखिया के तौर पर हुई है। उनके सतना पहुंचने के बाद विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों ही नहीं कर सलाहकारों व पुराने परिचितों का उनसे मुलाकात का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। श्री कंवर ने ब्यूरो में पेडिंग पड़े कागजी वर्क को समाप्त करने को पहली प्राथमिकता बताई है।

कार्यालय खुलते ही किया ज्वाइन
राज्यकर विभाग की टैक्स आडिट विंग जबलपुर में बतौर उपायुक्त पदस्थ रहे श्री कंवर की पदोन्नति के बाद यह पहली पोसिंटग थी। श्री कवंर मंगलवार सुबह कार्यालय खुलते अपनी आमद दर्ज कराई। कार्यालय में उनका स्वागत एईबी प्रभारी राज्यकर अधिकारी सुरेश साकेत, अमित पटेल, नवीन दुबे, विकास अग्रवाल सहित ब्यूरो के अन्य स्टाफ द्वारा किया गया। श्री कवंर ने अपने पदभार ग्रहण करने की जानकारी आयुक्त राज्यकर को भेजी।

इसके बाद मिलने के लिये अधिकारियों व अन्य लोगों का जो आना शुरू हुआ देश शाम तक चलता रहा। इस दौरान संभाग प्रभारी उपायुक्त राममिलन साहू, सतना सर्किल एक प्रमुख सहायक आयुक्त शीतल मिश्रा, सर्किल दो के प्रभारी राज्यकर अधिकारी केपी सिंह व सर्किलों के अन्य अधिकारी कर्मचारी भी मिलने पहुंचे। इनके अलावा सतना जिला जीएसटी बार एसोसियेशन के अध्यक्ष एड. केपी सिंह, एमके मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, जेडी जसवानी, कैट के प्रदेश सचिव अशोक दौलतानी ने मुलाकात कर स्वागत किया।

स्टॉफ के सहयोग से होगा काम
पदभार ग्रहण करने के उपरांत स्टार समाचार से संक्षिप्त मुलाकात में श्री कंवर ने ब्यूरो की पेंडेंसी को प्राथमिकता के साथ निबटाने पर जोर दिया। उनका कहना था कि स्टाक के साथियों ने पिछले 6-7 माहों में क्षमता से अधिक काम करके ब्यूरो को प्रदेश में एक सम्मानजनक स्थिति में लाकर खड़ा किया है। हमारा प्रयास होगा कि उनके सहयोग से इस को और आगे ले जाने की होगी पर पहली प्राथमिकता छापा व अन्य कार्रवाई के दौरान होने वाले कागजी वर्क की जो पेंडेंसी पड़ी हुई है उसको समाप्त करने की होगी।

मालूम हो कि श्री कंवर पूर्व में 9 साल सतना संभाग में ही पदस्थ रहे हैं। सतना सिर्कल एक में वे बतौर वाणिज्यिक कर अधिकारी के रूप में 2011 को पदस्थ हुए थे और इसी दौरान उनका प्रमोशन भी सहायक आयुक्त के रूप में हुआ था। इसके बाद के कुछ साल यहा रहने के बाद 2015 में यहां से बैढ़न वृत स्थानांतरित हुए थे जहां 2019 तक रहे।