लद्दाख हिंसा पर केंद्र का बयान: सोनम वांगचुक ने लोगों को भड़काया

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 24 सितंबर को शुरू हुआ आंदोलन हिंसा, आगजनी और सड़कों पर झड़प में बदल गया.

लद्दाख हिंसा पर केंद्र का बयान: सोनम वांगचुक ने लोगों को भड़काया
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लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 24 सितंबर को शुरू हुआ आंदोलन हिंसा, आगजनी और सड़कों पर झड़प में बदल गया. इस प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 80 लोग घायल हो गए.

केंद्र सरकार ने हिंसा के लिए सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया. सोनम वांगचुक लद्दाख को लेकर बीते कई महीनों से अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. अब छात्र उनके समर्थन में सड़कों पर उतर आए हैं.

वांगचुक पर भड़काने के आरोप

गृह मंत्रालय ने देर रात बयान में कहा, 'वांगचुक ने भड़काऊ बयानों से भीड़ को उकसाया, हिंसा के बीच अपना उपवास तो तोड़ा, लेकिन हालात काबू के प्रयास की जगह एम्बुलेंस से अपने गांव चले गए.'

लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने लेह में भड़की हिंसा की कड़ी निंदा की. उन्होंने चेतावनी दी कि केंद्र शासित प्रदेश में शांति भंग करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

प्रदर्शनकारियों की 4 मांगें

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले
छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा
कारगिल और लेह अलग लोकसभा सीट
सरकारी नौकरी में स्थानीय लोगों की भर्ती

6 अक्टूबर को होगी मीटिंग!

प्रदर्शनकारियों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार दिल्ली में 6 अक्टूबर को एक बैठक कर सकती है. साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. सरकार ने उस समय हालात सामान्य होने के बाद पूर्ण राज्य का दर्ज देने का भरोसा दिया था.