जिस जमीन पर बननी थी कॉलोनी उस जमीन का अब प्रबंधन करेंगे कलेक्टर
सतना | जमीनों के फर्जीवाड़े के मामले में कई मर्तबा सुर्खियां बिखेर चुके दीपक चंदानी पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई का चाबुक चलाते हुए तगड़ा झटका दिया है। नागौद तहसील अन्तर्गत सितपुरा में जहां दीपक चंदानी व कपिल टेकवानी लोगों को रिहायसी प्लाट बेचकर कॉलोनी विकसित करने का सब्जबाग दिखा रहे थे उसी जमीन को मप्र ग्राम पंचायत नियम 2014 के प्रावधानों के तहत कलेक्टर प्रबंधक दर्ज कर दिया गया है। कलेक्टर की इस कार्रवाई से सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाकर लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले जमीन कारोबारियों को झटका लगा है।
दी गुमराह करने वाली जानकारी
शिकायत पर जब नोटिस कटी तो जवाब दिया गया कि उक्त आराजियों में कालोनी विकसित करने की अनुज्ञा 25 जून 2015 में मेसर्स पलक डेवलपर्स के नाम से मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 व मप्र ग्राम पंचायत नियम 2014 के तहत एसडीएम नागौद से प्राप्त है तथा कालोनी विकास की किसी भी शर्त का उल्लंघन नही किया गया है लेकिन जब दस्तावेजों की पड़ताल की गई तो पाया गया कि मप्र ग्राम पंचायत नियम 2014 के नियम 9 में यथाविहित कालोनी विकास की अनुज्ञा प्राप्त किए जाने के पश्चात नियम 19(1) में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार 3 वर्ष के अंदर कालोनी का आंतरिक विकास कार्य पूर्ण कराना आवश्यक था लेकिन ऐसा नही किया गया और न ही अवधि बढाए जाने की अनुमति दी गई।
ऐसी स्थिति में नियम 19(2) के तहत कार्रवाई किया जाना विधि सम्मत है। इन तमाम नियमों के मद्देनजर कलेक्टर ने मप्र ग्राम पंचायत नियम 2014 अध्याय 4 नियम 21 के प्रावधान के मुताबिक मौजा सितपुरा तहसील नागौद की 1.829 हे. अथवा 1, 31,251.87 वर्गमीटर भूखंड में स्वीकृत कालोनी विकास अनुज्ञा की शर्तो का उल्लंघन पाए जाने पर उपरोक्त भूमि का प्रबंधन कलेक्टर का दायित्व होगा। यह भी आदेशित किया गया कि खसरा कालम नं. तीन में प्रबंधक कलेक्टर दर्ज किया जाए, तथा खसरा कालम नं. 12 में प्रश्नाधीन आराजियों में कालोनी विकास हेतु ली गई अनुज्ञा की शर्तो का उल्लंघन कालोनाइजर द्वारा किया गया है। अत: कलेक्टर की अनुमति के बिना क्रय -विक्रय या अन्तरण पर रोक रहेगी।
क्या है मामला
दरअसल, दीपक चंदानी और कपिल टेकवानी द्वारा नागौद तहसील के सितपुरा गांव में आराजी क्र. 612/2, 1241, 1242, 1559, 1260, 1261 के अंश रकवा क्रमश: 0.418 हे., 0.418 हे., 0.575 हे., 0.188 हे., 0.155 हे. व 0.115 हे., कुल किता 6 रकवा 1.829 हे. पर रिहायशी प्लाट निर्मित कर कई लोगों को किस्तों में राशि जमा करा विक्रय किया गया था। ऐसे कई लोगों को प्लाट बेंचे गए थे। इन्हें क्रेताओं में से उदय चौक नागौद निवासी प्रशांत सिंह परिहार की पत्नी अमिता सिंह परिहार भी थीं। इन्हें जब काफी अर्सा बीत जाने के बाद भी खरीदे गए प्लाट का पंजीयन और पजेशन नही मिला तो उन्होंने कलेक्टर के यहां आवेदन देकर किश्तों में जमा कराई गई राशि को वापस किए जाने व कालोनाइजर के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया।