मासूमों की तबियत न हो नासाज, हर-घर दस्तक आज से
सतना | स्वास्थ्य विभाग के अति महत्वाकांक्षी दस्तक अभियान का आगाज सोमवार से किया जा रहा है जो पूरे जिले में चलाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने मैदानी अमले को तैनात किया है तो इस अभियान में महिला बाल बिकास का अमला भी सहयोग करेगा। मासूमों की तबियत नासाज न हो इसके लिए सोमवार से हर -घर दस्तक दी जाएगी। जानकारी के अनुसार इस अभियान में जन्म से पांच साल तक के बच्चों को लिया जाना है और उनको स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। इस दौरान विभाग के निर्देश हैं कि कोविड -19 के नियमों का भी पालन अनिवार्य रूप से करना है।
दस्तक में कुपोषण को पहली प्राथमिकता
विभागीय जानकारी के अनुसार दस्तक अभियान में जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चों को वो चाहे लड़का हो या लड़की की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। यह पतासाजी करानी है कि बच्चा कु पोषित तो नहीं है और उसमें खून की कमी के कारण वह एनीमिक तो नहीं हो गया है। बताया जा रहा है कि दस्तक अभियान के दौरान कुपोषण को पहली प्राथमिकता देना है और यदि मासूम को कुपोषण की बीमारी है तो उसका उचित रख रखाव कराना है और परिजनों को डाइट की जानकारी देना होगा। बच्चा यदि अति कुपोषण की श्रेणी में आता है तो उसको तत्काल एनआरसी के लिए रेफर करना है।
क्या होगा दस्तक में
- बीमार नवजात एवं बच्चों की बीमारी की पहचान कराकर प्रबंधन व रेफरल कराना।
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में जन्मजात व बाल्यकाल बीमारियों निमोनिया की पहचान।
- एनीमिक बच्चा है और कुपोषित है तो उसकी पहचान कर उपचार मुहैया कराना।
- डायरिया-दस्त से पीड़ित मासूमों को जिंक व ओआरएस की डोज देना और बताना।
- 9 माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों को बिटामिन ए का अनुपूरण कराना।
- जन्मजात बीमारियों की बच्चों में पहचान कराना और अधिकारियों को सूचित कराना।
- एसएनसीयू एवं एनआरसी से छूटे बच्चों की स्क्रीनिंग व फालोअप कराना होगा।