किसानों से सरकार लेगी आधार, बिजली बिलों में देगी मंंहगाई की मार

सतना | किसानों को अपने कृषि पंप कनेक्शनों के बिजली बिलों में मिलने वाली छूट पर अब सरकार की तिरछी नजर है और ये सब्सिडी जो कभी अन्नदाताओं के लिए सौगात रही है अब वो मुसीबत बनने जा रही है। कारण , अभी सात सौ रुपए में साल भर बिजली का उपयोग कर किसान अपने खेतों की सिंचाई करते है तो आने वालों दिनों साल भर के लिए 6 हजार से अधिक का बिल कंपनी को भुगतान करना होगा। डायरेक्ट बेनीफिट योजना के चक्कर में किसानों की छूट बंद कर दी जाएगी। हालांकि डीबीटी में सब्सिडी मिलेगी पर उसकी प्रक्रिया लंबी है और किसानों का दिया हुआ पैसा ही छूट के रूप में उनके खाते में आएगा । इसके लिए पंप कनेक्शनों में कृषकों के आधार नंबर को जोड़ा जा रहा है।

क्या है डीबीटी योजना...?
पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी ही नहीं बल्कि पूरे एमपी में किसानों को मिलने वाली कृषि पंप बिलों में छूट के दीदार खत्म होने वाले हैं। उसके लिए एक डीबीटी योजना लाई जा रही है जो कुछ ही दिनों में लागू कर दी जाएगी। सवाल ये है कि ये डीबीटी जिसे डॉयरेक्ट बेनीफिट योजना का नाम दिया जा रहा है क्या....? तो बता दें कि डीबीटी योजना के तहत फ्लैट रेट पंप कनेक्शन धारी किसानों के आधार नंबर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। अभी जो सात सौ रुपये में किसानों को बिजली मिलती है वो छूट बंद हो जाएगी और सब्सिडी का पैसा किसानों के खाते में भेजा जाएगा। लेकिन पहले किसानों को पूरा बिजली बिल भरना होगा जो तीन एचपी में कम से कम 17 से 18 हजार रुपए साल का होगा तो पांच एचपी का बिल तकरीबन साल भर का 25 हजार के उपर जाएगा। यदि किसान उपभोक्ता  इसकी अदायगी करता है तो किसान खाते में छूट की राषि बतौर सब्सिडी आएगी...।

आधार नंबर लिंक क्यों...?
दरअसल डीबीटी योजना के तहत फ्लैट रेट पंप कनेक्शनों में आधार नंबर जोड़ने के पीछे सरकार की जो मंशा है वो ये कि आधार लिंक होने से किसानों क ी बैंक डिटेल भी होगी और जब किसान अपना पूरा ओरिजनल बिल भुगतान कर देगा तो उसके खाते में सरकार छूट की सब्सिडी देगी। आधार लिंक का एक और मतलब ये है  कि जिस किसान के नाम  कनेक्शन है उसके नाम कितनी जमीन है और सब्सिडी के दाम में कोई झाम न हो बेनीफिट सही किसान को मिले। क्योकि इसके पहले छूट की राशि अपात्रों ने डकार ली थी। जून 2013 में सतना के सिटी डिवीजन में बीपीएल के नाम पर खूब खेला गया था। लिहाजा किसान समय रहते अपना आधार लिंक करावाएं वरना सब्सिडी भी नहीं मिलेगी और बिल 6 हजार से अधिक सालाना प्रति एचपी देना होगा।