अंधेरगर्दी: सात साल पहले जिसकी हुई मौत उसे हलाफनामा बनाकर कर दिया जिंदा

सतना | अब तक आपने जादूगर द्वारा दिखाए जाने वाले करतबों में मुर्दा को जिंदा होते देखा होगा लेकिन अब स्टांप विक्रेता व नोटरी भी जादूगर जैसे करतब दिखाने लगे हैं। बेशक यह बात सुनने में अतिशयोक्ति लगे लेकिन यह सच है कि जिले की बिरसिंहपुर तहसील से महज 20 किमी दूर जमुआनी गांव निवासी बुजुर्ग राजाराम पांडेय को मौत के 7 साल बाद दस्तावेजों में जिंदा कर दिया गया है। नोटरी अनुराग पांडे व स्टांप विक्रेता धीरज मिश्रा की कृपा से जिंदा हुए राजाराम पांडे की उम्र हलफनामे में 80 वर्ष दर्ज की गई है। यह मामला बताता है कि जिले में किस प्रकार से फर्जी हलफनामों का खेल खेला जा रहा है।  बहरहाल मामला तहसीलदार तक पहुंच चुका है जिन्होने नोटरी व स्टांप विक्रेता को नोटिस देकर जांच शुरू कर दी है। 

शपथपत्र में पंजीयन की अनुमति 
दिलचस्प बात है कि 8 फरवरी को धीरज आनलाइन में  तैयार हुए  शपथ पत्र में राजाराम सात साल काल कवलित हो चुके राजाराम पांडे के हवाले से  लेख किया गया है कि मौजा जमुआनी की आराजी क्रमांक- 63/4, तथा   298,  और 300,के साथ  301 तथा मौजा मटियार की आराजी नम्बर 58, 59, 110,को अपने पुत्र श्रीकृष्ण पांडे को बटाई में दे रखा है।  अब इन आराजियों में उत्पादित होने वाली  गेहूं की उपज का रजिस्ट्रेशन वह अपने नाम करा ले मुझे किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं होगी।  सवाल  यह है कि जो व्यक्ति अर्सा पहले मृत हो चुका है वह कैसे अपना हलफनामा तैयार करा सकता है।

जाहिर है कि नोटरी और स्टांप विक्रेता ने बिना किसी तस्दीक के हलफनामा तैयार कराए हैं। सूत्रों की मानें तो जिले में ऐसे कई नोटरी और स्टापं विक्रेता हैं जो मनमाना तरीके से हलफनामें तैयार कर विभिन्न सरकारी योजनाओं में इनका इस्तेमाल करा रहे हैं। जिस प्रकार से हलफनामें में गेहूं की उपज का रजिस्ट्रेशन का लेख किया गया है उससे यह भी हो सकता है कि यह किसी समिति प्रबंधक का कारनामा हो। बहरहाल असलियत तो मामले की जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी लेकिन इस मामले ने हलफनामें के गोरखधंधे की पोल खोल दी है। 

...और इधर नोटरियों की लगी क्लास 
 जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने  जिला सत्र न्यायाधीश आरपी शर्मा के पत्र के परिपालन में नगरीय क्षेत्र में कार्य करने वाले नोटरी अधिवक्ताओं को नोटेरियल कामकाज के तरीके समझाए। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राज बहादुर सिंह ने उच्च न्यायालय  खंडपीठ इंदौर में पारित आदेशों की भी जानकारी दी और रघुराज नगर तहसील क्षेत्र में कार्य करने वाले नोटरी अधिवक्ताओं को चर्चा के लिए बुलाया । शनिवार को दोपहर आयोजित बैठक में सभी अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष के सामने अपने अपने विचार पेश किए।  

अध्यक्ष  राजबहादुर सिंह वैश्य ने सभी नोटरियो के संपूर्ण दस्तावेज का मूल्यांकन कर उसमें पर्याप्त मुद्रण शुल्क एवं नोटेरियल शुल्क चस्पा करने के उपरांत ही दस्तावेजों को प्रमाणित करने के लिए कहा दस्तावेज में दस्तावेज लेखक का भी  विवरण होना अनिवार्य बताया। बैठक में अध्यक्ष राज बहादुर सिंह वैश्य नोटरी अधिवक्ता दिनेश श्रीवास्तव ,हर्ष तिवारी ,राकेश शुक्ला, नरेंद्र बहादुर सिंह , संतोष कुमार शुक्ला आर यू सिद्धकी , सुखनिधान सिंह तपन  कुमार बनर्जी ,विवेक कुमार पांडेय , हीरेंद्र सिंह , दीपसिंह भदोरिया ,प्रकाश नारायण त्रिपाठी, कमलेंद्र सिंह,अरुण प्रकाश,गौतम श्रवण, कुमार पाठक (कार्यालय सचिव) उपस्थित रहे ।बैठक में आभार नोटरी अधिवक्ता राकेश शुक्ला ने किया।

यह मामला मेरे संज्ञान में आया है । निश्चित तौर पर मामला गंभीर है। मैनें संबंधित नोटरी को नोटिस भेजा है। दस्तावेजों की पड़ताल कर नियम परक कार्रवाई की जाएगी। 
प्रदीप तिवारी, तहसीलदार बिरसिंहपुर