सदन में घिरे उद्यानिकी और कृषि विभाग के अधिकारी

सतना | चालू विधानसभा सत्र में उद्यानिकी व कृषि विभाग के अधिकारियों पर सवाल दागे गए हैं। विधानसभा में मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल द्वारा दागे गए  सवालों के जवाब में जो जानकारी सामने आई है वह चौकाने वाली है। जानकारी के अनुसार रीवा संभाग के 16 अधिकारियों पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं, जिनकी जांच चल रही है। जांच का सामना करने वाले अधिकारियों में कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने कृषकों के हितार्थ चलाई जा रही योजनाओं में गफलत की है। विधानसभा में सामने आई जानकारी अनियमितताओं के मामले में सरकार द्वारा कराई जाने वाली जांचों की पोल खोलती है। कई अधिकारी ऐसे हैं जिनके जलांच प्रतिवेदन सालों से लंबित हैं लेकिन वे आरोपों के बीच नौकरी कर रहे हैं। कुछ अधिकारियों के तो आरोप पत्र भी जारी हैं। 

इन अधिकारियों की चल रही जांच 
विधानसभा में सामने आई जानकारी के अनुसार सतना के तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास आरएस शर्मा का नाम सबसे ऊपर है। उन पर कृषक संबंधी योजना में कृषकों को फर्जी भुगतान करने के आरोप हैं। किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने सदन को अवगत कराया कि आरएस शर्मा की जांच संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास रीवा एससी सिसोदिया द्वारा की गई है। फिलहाल यह प्रकरण प्रक्रियाधीन है। इसी प्रकार वर्ष 2017-18 में तत्कालीन उप ंसचालक कृषि सीधी आरएस शर्मा पर मप्र शासन किसान कल्याण तथा कृषि विभाग भोपाल द्वारा सीधी के पूर्व उप संचालक कृषि के कार्यकाल में शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान कराने के आरोप लगे थे। सदन को बताया गया कि इस मामले को 27 जनवरी 2018 को नस्तीबद्ध कराया जा चुका है। 

सीधी के सर्वाधिक अधिकारी 
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीधी के तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी आरबी पांडेय पर आवंटित राशि के आहरण कर गंभीर अनियमितताएं करने के आरोप हैं जिसकी जांच संयुक्त संचालक किसान कल्याण रीवा द्वारा की गई है। सदन को बताया गया कि आरबी पांडेय का प्रकरण 3 फरवरी 2021 को म.प्र. शासन को भेजा जा चुका है। इसी प्रकार तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी ललन सिंह परिहार पर कुसमी में परियोजना संचालक के तौर पर काम करते हुए भूमि सुधार व कृषि यंत्रों में अनियमितता करने के आरोप हैं। इनका प्रतिवेदन 8 फरवरी को मप्र शासन को भेजा गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में तत्कालीन उप संचालक कृषि सीधी केके पांडेय गंभीर वित्तीय अनियमितता की जांच संयुक्त संचालक एससी सिसोदिया द्वारा की गई जिसका जांच प्रतिवेदन 3 अक्टूबर 2014 को भेजा जा चुका है।

केके पांडेय की एक और जांच मक्का बीज वितरण में की गई धांधली को लेकर की गई थी जिसका जांच प्रतिवेदन 17 नवम्बर 2020 को शासन को भेजा जा चुका है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में तत्कालीन उप संचालक सिंगरौली कमल कुमार पांडेय हलधर योजना में हुई धांधली में उलझे थे जिसकी जांच संचालक कृषि अभियांत्रिकी ने की थी। इस मामले में 10 मार्च को आरोप पत्र भी जारी किया जा चुका है। इसी प्रकार प्रभारी सहायक संचालक उत्तम सिंह पर फर्जी विलोप के जरिए आहरण करने प्रक्षेत्र सम्पदा में प्रमाणित बीज एवं बीज निलामी संबंधी अनियमितता के आरोप लगे थे जबकि तत्कालीन परियोजना संचालक आत्मा रीवा डा. बीपी सूत्रकार पर नगद एवं चेक से ली गई राशि के फर्जी बिल- बाउचर की जांच का सामना कर रहे हैं इनका जांच प्रतिवेदन शासन को भेजा जा चुका है।