15 दिनों में तैयार हो जाएगा स्टेशन में नया फुट ओव्हर ब्रिज

सतना | सतना स्टेशन में लगभग 15 दिनों के अंदर नया फुट ओवर ब्रिज तैयार करने के दावे किए जा रहे हैं। इसका अभी लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है, वहीं पुराने फुट ओवरब्रिज के टूटने को लेकर अभी से रेलवे कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त होने लगा है। उल्लेखनीय है कि स्टेशन में प्लेटफार्म क्र. दो -तीन से बाहर जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए नया फुट ब्रिज तैयार किया जा रहा है जो डाउन दिशा की तरफ खुलेगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह जबलपुर डिवीजन का सबसे चौड़ा ब्रिज होगा जिसकी चौड़ाई 20 फिट है। इस ब्रिज को रेलवे आने वाले 50 साल के लिए बना रहा है।  

बताया गया है कि इस नए फुट ओव्हर ब्रिज के तैयार होे जाने के बाद रेलवे इसमें मोटर -कार भी दौड़ा सकेगा जिससे बुजुर्ग एवं दिव्यांग यात्रियोंं को काफी राहत मिलेगी। वहीं इस ब्रिज में प्लेटफार्म क्र. दो-तीन में लिफ्ट भी लगेगी। अभी प्लेटफार्म क्र. 1 में ही एक लिफ्ट लगी है और दूसरी तरफ यात्री सीढ़ियों से नीचे उतर रहे हैं। लिफ्ट लग जाने के बाद दोनों तरफ यात्रियों को आने- जाने में सुविधा होगी।  

रेलवे अधिकारियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्लेटफार्म क्र. एक का यात्री दबाव कम किया जा सकता है। स्टेशन के पश्चिमी छोर की तरफ से स्काटलैंड मार्ग को सीधे जोड़ने के लिए सड़क लगभग तैयार हो गई है।  उल्लेखनीय है कि स्टेशन में रेवांचल और आंनद विहार के समय प्लेटफार्म क्र. एक में पैर रखने तक को जगह नहीं मिलती है। वहीं प्लेटफार्म क्र. दो-तीन में आने- जाने वाले यात्रियों को भीड़भाड़ में काफी परेशानी होती है। पुराना 

टूटा तो कर्मचारियों की बढेगी परेशानी 
प्लेटफार्म 2-3 से मानिकपुर छोर की तरफ बने पुराने ब्रिज जो डाउन बुकिंग साइड की तरफ जाता है उसे अब तोड़ने की तैयारी चल रही है लेकिन इस ब्रिज के टूटने के बाद रेलवे कर्मचारियों की परेशानी बढ़ जाएगी। डब्ल्यूसीआरईयू के सतना शाखा के सचिव पुष्पेन्द्र तिवारी ने कहा कि पुराने ब्रिज के टूटने से कर्मचारियों की समस्या काफी बढ़ जाएगी। रनिंग रूम में ठहरने वाले रनिंग कर्मचारी आसानी से इसके माध्यम से गाड़ी तक आसानी से पहुंचते हैं। यूनियन अपना मत जल्द ही रेल प्रशासन के सामने रखेगी। 

हो चुका है विद्युतीकरण 
जानकारों की मानें तो यार्ड में विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। इसमें पुराने कम ऊंचाई के ब्रिज के नीचे से वायर निकली हैं, मालगाड़ियों का परिचालन भी हो रहा है इसमें कोई बाधा भी नही आ रही है जिसकी वजह से अगर यह नहीं टूटेगा तो इससे रेलवे को कोई नुकसान नहंीं है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अगर पुराना ब्रिज हटाना ही हेै तो जो भाग सबसे कम ऊंचाई का एवं काफी पुराना है उसी भाग को ही हटाया जाए। बाकी ज्यादा ऊंचाई वाला भाग लगभग 15 साल पहले ही प्लेटफार्म क्र. 3 के निर्माण के समय ही तैयार किया गया था। भविष्य में कम लागत में आगे का भाग तैयार किया जा सकता है। 

साढे 5 करोड़ का था प्रोजेक्ट
बताया जाता है कि विद्युतीकरण कार्य के लिए कम हाइट के  ब्रिज होने का हवाला देकर नए ब्रिज तैयार करने का प्रोजेक्ट आरई विभाग ने तैयार किया था। सूत्रों के अनुसार सतना जंक्शन में साढ़े 5 करोड़ की लागत से 2 नए ब्रिज तैयार किए गए हैं।