MP के ग्रामीण विकास को मिल रही नई गति, CM डॉ. यादव ने कार्यशाला का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सीएम डॉ. यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों की 3 दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया।

MP के ग्रामीण विकास को मिल रही नई गति, CM डॉ. यादव ने कार्यशाला का किया शुभारंभ

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सीएम डॉ. यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों की 3 दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से वाटरशेड महोत्सव का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और संसाधन प्रबंधन को मजबूत बनाना है। साथ ही सीएम ने राज्यस्तीय कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया। इस मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, राज्य मंत्री राधा सिंह भी मौजूद रहीं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन दिन पंचायत स्तर की चुनौतियों और समाधान पर विस्तार से मंथन होगा। सरकार अब खुद पंचायत प्रतिनिधियों के पास पहुंच रही है, ताकि उनकी समस्याओं और जरूरतों को जमीनी स्तर पर समझा जा सके। उन्होंने आगे कहा कि नई तकनीक के माध्यम से तालाबों और जलसंरचना का तेजी से विकास किया जा रहा है। सरपंचों को 25 लाख रुपए तक खर्च करने की स्वीकृति दी गई है, जिससे वे अपने गांव में विकास कार्य और तेजी से आगे बढ़ा सकेंगे। राज्य सरकार का मानना है कि पंचायतें मजबूत होंगी तो गांव मजबूत होंगे और इसी रास्ते से राज्य का विकास नई गति पकड़ेगा।

वहीं वाटरशेड महोत्सव के शुभारंभ पर सीएम डॉ. यादव ने कहा कि नई तकनीक से तालाब, चेकडैम और जल संचयन के काम तेजी से हो रहे हैं। यह महोत्सव पूरे प्रदेश में पानी बचाने की नई क्रांति लाएगा। सीएम आगे कहा कि यह कार्यशाला केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में हर पंचायत आत्मनिर्भर, समृद्ध और स्मार्ट बनेगी। गांव हमारी जड़ें हैं और जब पंचायतें मजबूत होंगी, तब मध्यप्रदेश सचमुच विकसित राज्य बनेगा। यह कार्यशाला उसी स्वर्णिम भविष्य की पहली सीढ़ी है।

कार्यशाला का उद्देश्य

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को प्रशासनिक, वित्तीय एवं सामुदायिक स्तर पर मजबूत बनाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाने की दिशा में ठोस रणनीति तैयार करना है. इसके अंतर्गत स्थानीय शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही, मनरेगा, आजीविका मिशन, सामाजिक अंकेक्षण, डिजिटल ट्रैकिंग एवं मॉनिटरिंग, वित्तीय प्रबंधन एवं पंचायत शासन, स्‍वनिधि से समृद्धि अभियान, वाटरशेड परियोजनाओं का क्रियान्वयन, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ ग्राम तथा विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं का प्रभावी संचालन, पेसा ग्राम सभाओं की वर्तमान स्थिति एवं सफल क्रियान्वयन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा और प्रशिक्षण दिया जाएगा.