स्वच्छता सर्वेक्षण: सिंगरौली से भी फिसड्डी रहा सतना, प्रदेश के 7 शहरों में मिला 6वां स्थान
सतना | स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार शर्मनाक प्रदर्शन करने के बाद एक बार फिर सतना शहर शर्मशार हुआ है। हालात यह हैं कि देश की 111 स्मार्ट सिटी की केंद्रीय स्तर तैयार की गई सूची में सतना का 61वें स्थान पर संतोष करना पड़ा है। इस शर्मनाक प्रदर्शन के साथ ही जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रूपए खर्च कर नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान एक बार पुन: सवालों के घेरे में आ गया है। सतना के स्वच्छता रैंकिंग की बदहाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सर्वे में मध्यप्रदेश के जिन 7 शहरों को शामिल किया गया था उनमें से सतना की 6वें स्थान पर है ।
सतना से पीछे केवल सागर है। इसके पूर्व वर्ष 2018 में जारी हुई रैंकिंग में सतना को 62वां स्थान मिला था। इसके बाद गुरूवार को जारी हुई रैकिंग में महज एक फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में सतना लगातार अपना शर्मनाक प्रदर्शन दोहरता रहा है। वर्ष 2020 की रैंकिंग की बात की जाए तो पूरे देशभर के 500 शहरों में सतना को 74वीं रैंक वहीं 2019 में सतना को 197 रैंक मिली थी। जाहिर है कि निगम प्रशासन स्वच्छता के नाम पर लाखों उड़ाता रहा और रेमकी जैसी कंपनियां स्वच्छता अभियान के नाम पर अपनी तिजोरी भरती रहीं लेकिन स्वच्छता के मामले में सतना वहीं खड़ा है जहां पिछले वर्षों में खड़ा था।
आईएएस भी नहीं सुधार पा रहे शहर की सेहत
दिलचस्प बात यह है कि बीते दो तीन सालों से नगर निगम की कमान आईएएस संभालते रहे हैं। माना जा रहा था कि निगम में आईएएस कमिश्नर बैठने से शहर का विकास सही दिशा में होगा लेकिन यह भी खामख्याली ही साबित हुई है। सतना को स्मार्ट सिटी की सौगात तो सरकार ने दी है लेकिन अधिकारी उस स्मार्टनेस को बरकरार नहीं रख पा रहे हैं, जिसका उदाहरण ईज आफ लिविंग इंडेक्स रैंकिंग है। गुरूवार को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने ईज आॅफ लिविग इंडेक्स रैंकिग-2020 जारी की है जिसमें देश में शहरों की रैंकिग में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में रहने के लिए बेंगलुरू सबसे बेस्ट शहर माना गया है। इसके अलावा 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला सबसे उच्च स्तर पर रहा है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिह पूरी ने यह रिपोर्ट जारी की।
रैंकिग के तीन मापदंड
- रहने की गुणवत्ता जिसके रैंकिग के लिए 35 फीसदी अंक रखे गए थे।
- आर्थिक योग्यता इसके लिए 15 फीसदी अंक और विकास की स्थिरता कैसी है इसके लिए 20 फीसदी अंक तय किए गए।
- 30 फीसदी अंक लोगों के फीडबैक के आधार पर , जबकि 49 इंडिकेशंस से जिनके आधार पर दिए गए थे।
देश के 111 शहरों में 61 वां स्थान
देश भर के 111 शहर रहने के लिए सबसे बेस्ट शहरों की रैंकिग में शामिल हुए और इन शहरों को दो कैटगरी में बांटा गया। पहली श्रेणी में वे शहर शामिल किए गए जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा थी और दूसरी कैटगरी में उन शहरों को शामिल किया गया जिनकी आबादी 10 लाख से कम थी। इन शहरों में यह बात देखी की गई कि इनमें रहने की गुणवत्ता किस स्तर की है साथ ही जो विकास के काम किए गए हैं उनका लोगों के जीवन पर क्या असर पड़ रहा है । बता दें कि इस तरह का सर्वे पहली बार 2018 में शुरू किया गया।