फिर मैहर विधायक ने दिखाए बागी तेवर: न विधायक दल की बैठक में पहुंचे, न प्रदेश अध्यक्ष से मिले नारायण
सतना | सोमवार को राजधानी में हुई विधायक दल की बैठक से नदारद रहने वाले भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने बुधवार को सतना प्रवास पर आए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी किनारा किए रखा। बताया जाता है कि जब प्रदेश अध्यक्ष मैहर पहुंचे तब नारायण त्रिपाठी मैहर में ही थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत को आतुर खड़े कार्यकर्ताओं को हाथ हिलाते हुए उन्होने अपना मुखड़ा दिखाया और आगे बढ़ गए। मैहर आगमन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष से नारायण त्रिपाठी का न मिलना राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाओं को हवा दे रहा है। गौरतलब है कि बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष ने विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर सभाएं कर रहे नारायण त्रिपाठी को पार्टी की गाइडलाइन के विपरीत विंध्य प्रदेश की मांग न उठाने की नसीहत देने भोपाल भी तलब किया था लेकिन मैहर विधायक ने प्रदेश अध्यक्ष के फरमान की नाफरमानी करते हुए विंध्य प्रदेश की मांग मुखर करने अपने मुट्ठी भर समर्थकों के साथ सभाएं भी कर डालीं।
श्रीकांत-संजय के बढ़ते प्रभाव से बढ़ी है तिलमिलाहट
नारायण त्रिपाठी को मैहर क्षेत्र की जनता ने हर बार आजमाया लेकिन उन्होने न केवल जनता को बल्कि हमेशा उस दल को भी निराश किया जो दल उन्हें विधायक बना देता है। कांग्रेस ने विधायक बनाया तो कांग्रेस की लुटिया डुबोने वे भाजपा से मिल गए और जब भाजपा ने विधायक बनाया तो वे कांग्रेस के पाले में खड़े हो गए। उधर श्रीकांत चतुर्वेदी के भाजपा में आने व संजय राय को मिल रही संगठनात्मक तवज्जो के चलते नारायण त्रिपाठी की भाजपा में पूछ परख तकरीबन समाप्त हो गई है, ऐसे में वे अब आगे की राजनीति के लिए कांग्रेस की ओर निहार रहे हैं।
पृथक विंध्यप्रदेश को आंदोलन बनाकर वे अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं लेकिन इस बार उनके आंदोलन व सभाओं को जनता से भी वैसी तवज्जो नहीं मिल रही है। इधर नारायण की पार्टी गाईडलाइन के विपरीत चल रही कार्यर्शली ने संगठन को श्रीकांत चतुर्वेदी की आवश्यकता महसूस कराई और उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया गया। संजय राय पर भी संगठन ने फोकस बनाया। ऐसे में भाजपा में हासिए पर आए नारायण त्रिपाठी अब पृथक विंध्यप्रदेश की मांग उठाकर दूसरे दलों को अपनी ओर आकर्षित करने की कवायद कर रहे हैं।
कांग्रेस में नंबर बढ़ाने का प्रयास
पार्टी गाइडलाइन के विपरीत लगातार अपनी राजनीतिक गतिविधियां संचालित कर रहे नारायण त्रिपाठी के इन कदमों को लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। त्रिपाठी को करीब से जानने वाले राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन कदमों से वे अपना संदेश कांग्रेस तक पहुंचाना चाहते हैं कि वे अब ‘ हाथ का साथ ’ देने के लिए तैयार हैं। नारायण त्रिपाठी की दबाव बनाने की यह पुरानी राजनीतिक अदा है कि पार्टी गाइडलाइन के खिलाफ काम करो और सरकार पर दवाब बनाओ , सरकार दवाब में न आए तो अपनी पार्टी की गाइडलाइन के विपरीत चलकर विपक्षी दल में अपने नंबर बढ़ाओ, लेकिन जिले की राजनीति को समझने वाले राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस में भी नारायण त्रिपाठी क ी वापसी आसान नहीं होगी क्योंकि नारायण त्रिपाठी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जो कांग्रेस के साथ किया था, उसकी टीस अभी भी कांग्रेस के रणनीतिकारों में देखी जा सकती है।
जीत के मुहाने में खड़ी कांग्रेस को झटका देते हुए ऐन चुनाव के पूर्व नारायण त्रिपाठी ने भाजपा के साथ राजनीतिक सौदेबाजी करते हुए ‘ हाथ का साथ ’ छोड़ दिया था। हालांकि प्रदेश में जब कमलनाथ सरकार थी, तब नारायण त्रिपाठी ने विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष में रहते हुए भी कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोट किया था, तब से वे लगातार भाजपा की गाइडलाइन के खिलाफ काम करते आ रहे हैं और कमलनाथ से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। बताया जाता है कांग्रेस का विंध्य पर जमीनी पकड़ रखने वाला एक बड़ा धड़ा नारायण त्रिपाठी की कांग्रेस में इंट्री को लेकर खिलाफत कर रहा है, ऐसे में नारायण को ‘ हाथ का साथ ’ पाने के लिए बड़े पापड़ बेलने होंगे।
मां शारदा की ड्योढ़ी में टेका मत्था
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मैहर पहुंचकर मां शारदा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इसके पूर्व उनकी जोरदार आगवानी हुई जिसका सिलसिला झुकेही से ही शुरू हो गया। वीडी शर्मा के स्वागत के लिए झुकेही पूरा भगवामय नजर आ रहा था जहां श्रीकांत चतुर्वेदी के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं ने प्रदश अध्यक्ष का स्वागत कर गगनभेदी नारे लगाए। झुकेही से शुरू हुआ स्वागत का सिलसिला सभागंज, अमदरा, खेरवा टोला, घुनवारा, भरौली, बेरमा में भीचलता रहा। मैहर में कटनी मोड़ स्थित संजय राय के आवास के समक्ष भी हजारों कार्यकर्ता की मौजूदगी में संजय राय ने स्वागत किया। इसके अलावा मैहर- सतना के बीच तकरीबन 20से 22 स्थलों पर फूल मामला के साथ कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष की आगवानी व अभिनंदन किया।
...और कांग्रेस को झटका दे गए प्रदेशाध्यक्ष
सतना प्रवास पर यूं तो प्रदेश अध्यक्ष आए थे कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव की तैयारियों के लिए प्रोत्साहित करने लेकिन इस दौरान भी उन्होने तब कांग्रेस को झटका दे दिया जब किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि श्राफ ने सर्किट हाउस में भाजपा का दामन थाम लिया। पूर्व मंडी अध्यक्ष संजय राय के साथ आए रवि श्राफ जब सर्किट हाउस में भाजपा ज्वाइन कर रहे थे तब भी मैहर विधायक सर्किट हाउस में ही थे लेकिन उनके क्षेत्र के कांग्रेस पदाधिकारी को भाजपा ज्वाइन कराने के दौरान भी न तो नारायण त्रिपाठी अध्यक्ष के पास पहुंचे और न ही अध्यक्ष ने उन्हें आमंत्रित किया। ऐसा महसूस हुआ मानों कि नारायण त्रिपाठी के रहने या न रहने से पार्टी की सेहत को कोई फर्क पड़ेगा।
देर रात विंध्य के जिलाध्यक्षों के साथ मंथन
बूथ स्तर तक पार्टी के संगठनात्मक ढांचे की मजबूती व नगरीय निकाय चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने सतना आए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दिन भर जहां अपने तय कार्यक्रमों में व्यस्त रहे वहीं देर रात वे कुछ घंटों के लिए अज्ञातवास पर चले गए। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने सतना समेत विंध्य के सभी 7 जिलों के जिलाध्यक्षों के साथ पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों व निकाय चुनाव की तैयारियों पर घंटों मंथन किया। बताया जाता है कि इस दौरान बूथ की मजबूती पर विशेष जोर दिया गया है। देर रात हुई इस बैठक में नरेन्द्र त्रिपाठी के अलावा रीवा के अजय सिंह, सीधी के इन्द्रशरण सिंह, शहडोल के कमल सिंह, अनूपपुर के बृजेश गौतम के अलावा सिंगरौली और उमरिया के जिलाध्यक्ष मौजूद रहे।