BREAKING NEWS: मनरेगा का नाम बदला, अब कहलाएगी “पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना”
केंद्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना MGNREGA (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का नाम औपचारिक रूप से बदल दिया है.
केंद्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना MGNREGA (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का नाम औपचारिक रूप से बदल दिया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसे अब “पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Pujya Bapu Gramin Rozgar Guarantee Yojana – PBGRY) नाम दिया गया है.
क्या बदला, क्या रहेगा वही?
सरकार के अनुसार, नया नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सम्मान देने और योजना के मूल उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने को और मजबूत रूप में प्रस्तुत करेगा. हालांकि योजना का ढांचा, अधिकार और लाभ पहले की तरह ही जारी रहेंगे. रोजगार गारंटी में हो सकता है बड़ा बदलाव सरकारी सूत्रों के अनुसार, चर्चा इस बात पर भी हुई कि 100 दिनों की रोजगार गारंटी बढ़ाकर 125 दिन की जा सकती है.
न्यूनतम मजदूरी में सुधार पर चल रहा विचार
अगले वित्त वर्ष में इस योजना के लिए 1.51 लाख करोड़ के रिकॉर्ड आवंटन पर भी सहमति बनती दिख रही है.
मनरेगा का संक्षिप्त इतिहास
मनरेगा की शुरुआत 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) के रूप में हुई थी. बाद में इसे महात्मा गांधी के सम्मान में MGNREGA नाम दिया गया. 2 अक्टूबर 2006 को इसे आधिकारिक रूप से लागू किया गया था और धीरे-धीरे यह पूरे देश के ग्रामीण इलाकों तक फैली.
सरकार का तर्क
सरकार का कहना है कि इस नाम परिवर्तन से योजना की नई पहचान स्थापित होगी, ग्रामीण विकास मिशन में “बापू के आदर्शों” को अधिक मजबूती मिलेगी, और रोजगार के अधिकार को और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया जा सकेगा. विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार नाम बदलने पर राजनीतिक हलकों में बहस तेज होने की संभावना है। विपक्षी दलों ने इस कदम पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है, जिसे लेकर आने वाले समय में सियासी हलचल बढ़ सकती है.
sanjay patidar 
