सांची में किसान संगोष्ठी में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पशुपालन को बताया आमदनी बढ़ाने का प्रभावी माध्यम

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को सांची पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) ने अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत आयोजित किसान संगोष्ठी कार्यक्रम में भाग लिया.

सांची में किसान संगोष्ठी में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पशुपालन को बताया आमदनी बढ़ाने का प्रभावी माध्यम

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को सांची पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) ने अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत आयोजित किसान संगोष्ठी कार्यक्रम में भाग लिया. इस मौके पर उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि लोगों की जिंदगी बदलने के लिए उनकी आमदनी बढ़ाना जरूरी है और पशुपालन इस दिशा में सबसे प्रभावी जरिया है.

पशुपालन बने लाभ का काम

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छोटे और गरीब किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से पशुपालन को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जाएगा. इसी लक्ष्य के तहत सांची में किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. 
उन्होंने बताया कि NDRI के वैज्ञानिक किसानों को वैज्ञानिक तरीके से गाय-भैंस के सही पालन की जानकारी देंगे, जिससे दूध उत्पादन बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि केवल खेती से आय सीमित रहती है, इसलिए डेयरी, बकरी पालन और मुर्गीपालन जैसी गतिविधियों को अपनाकर किसानों को अपनी आमदनी बढ़ानी चाहिए.

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशुओं की देखभाल, संतुलित आहार, बीमारी से बचाव और दूध की बिक्री तक की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी, ताकि पशुपालन वास्तव में लाभकारी व्यवसाय बन सके. 

500 किसानों को वितरित की गई किट

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पशुपालन से जुड़े करीब 500 छोटे किसानों को लगभग 2000 रुपये मूल्य की किट वितरित की. किट में पशु आहार मिक्सर, दवाइयां, साफ बाल्टी सहित अन्य आवश्यक सामग्री शामिल थी. उन्होंने कहा कि केवल पशु खरीदना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सही आहार, उचित देखभाल और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर ही पशुपालन को मुनाफे का काम बनाया जा सकता है. 

प्रशिक्षण और बैंक से जोड़ने की पहल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो किसान दूध उत्पादन में आगे आना चाहते हैं, उन्हें बैंकों से जोड़कर पशु उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. साथ ही प्रशिक्षण के दौरान किसानों को पशुओं के रहने के स्थान, साफ-सफाई, बीमारी से बचाव और उपचार के तरीकों की व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा दूध कलेक्शन सेंटर पर दूध के संग्रहण और बिक्री की प्रक्रिया के बारे में भी किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा. उन्होंने विश्वास जताया कि पशुपालन और डेयरी गतिविधियों के विस्तार तथा सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा.