MP नर्सिंग शिक्षा के हालत खराब, 12 कॉलेजों को नहीं मिली मान्यता

मध्यप्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है. प्रदेश के 12 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को अब तक मान्यता नहीं मिल पाई है

MP नर्सिंग शिक्षा के हालत खराब, 12 कॉलेजों को नहीं मिली मान्यता

मध्यप्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है. प्रदेश के 12 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को अब तक मान्यता नहीं मिल पाई है. मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. साल 2018 में बनाए गए नियमों में सभी दिशा-निर्देश साफ तौर पर दिए गए हैं, फिर भी प्रदेश के 12 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को अब तक मान्यता नहीं मिल पाई है. चिंता की बात यह है कि सरकार के 13 मंत्रियों और कई भाजपा नेताओं के अपने जिलों में चल रहे सरकारी नर्सिंग कॉलेज या तो बंद होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, या फिर वहां जरूरी स्टाफ, जैसे प्राचार्य और उप

प्राचार्य तक नहीं हैं.

NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की कमियों को लेकर एनएसयूआईं द्वारा की गई शिकायतों को गंभीरता से लिया होता तो आज यह परिस्थिति नहीं होती. सरकार की लापरवाही के चलते हजारों गरीब परिवार की छात्राएं नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश से वंचित रह जाएंगी, क्योंकि वो प्राइवेट कालेजों की फीस भरने में सक्षम नहीं हैं. इन 12 नर्सिंग कालेजों में लगभग 1 हजार सीटें हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 12 कॉलेजों को मान्यता नहीं मिली उनमें रायसेन, मंदसौर, नरसिंहपुर, जबलपुर, सागर, खंडवा, अमरकंटक, भोपाल, झाबुआ, सीधी, राजगढ़ और दतिया के कॉलेज शामिल हैं.