10 साल की तलाश के बाद चीन की अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर गिरफ्तार, इंडो-चाइना बॉर्डर से दबोची गई
मध्य प्रदेश की स्पेशल टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) और वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता मिली है।
मध्य प्रदेश की स्पेशल टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) और वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने चीन की रहने वाली कुख्यात अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा (Yangchen Lachungpa) को सिक्किम के लाचुंग इलाके से गिरफ्तार किया है। यह वही क्षेत्र है जो चीन की सीमा से सटा हुआ है। इस सफलता के लिए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने टीम को बधाई दी है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी बधाई
मप्र के स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स एवं वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, नई दिल्ली की संयुक्त कार्रवाई में वन्य अपराध के मामलों में 10 वर्षों से वांछित एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आरोपी को सिक्किम से गिरफ्तार किया जाना बड़ी सफलता है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 5, 2025
राज्य सरकार प्रदेश में बाघों सहित सभी प्रकार के…
यांगचेन पिछले दस साल से फरार थी और उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी कर रखा था। वह बाघ की खाल, दांत, हड्डियां और पेंगोलिन स्केल्स जैसी प्रतिबंधित वन्यजीव सामग्री की अंतरराष्ट्रीय तस्करी में शामिल थी। उसका नेटवर्क भारत, नेपाल, चीन, म्यांमार और बांग्लादेश तक फैला हुआ था।
कैसे पकड़ी गई तस्कर?
सूत्रों के मुताबिक, MP STSF कई महीनों से यांगचेन पर गुप्त निगरानी कर रही थी। जानकारी मिली कि वह इंडो-चाइना बॉर्डर के पास लाचुंग में छुपी हुई है। 2 दिसंबर की रात विशेष टीम ने −7°C तापमान में मूवी स्टाइल ऑपरेशन चलाते हुए इलाके में साइलेंट घेराबंदी की। पकड़े जाने से पहले यांगचेन ने अपने मोबाइल फोन और एक कोडेड डायरी नष्ट करने की कोशिश की। माना जा रहा है कि डायरी में तस्करी गिरोह, हवाला लेनदेन और विदेशी नेटवर्क से जुड़े अहम सुराग मौजूद थे।
मामला कैसे शुरू हुआ था?
यह केस 2015 में मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व में बाघ और पेंगोलिन की तस्करी के खुलासे के बाद दर्ज हुआ था। जांच में पाया गया कि यांगचेन इस रैकेट की अहम कड़ी थी। 2017 में उसे पहली बार गिरफ्तार किया गया, लेकिन अंतरिम जमानत पर बाहर आते ही वह देश छोड़कर फरार हो गई थी।
अब आगे क्या?
गिरफ्तारी के बाद यांगचेन को सिक्किम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसका ट्रांज़िट रिमांड जारी किया गया है। अब उसे मध्य प्रदेश लाकर पूछताछ की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी से पूरे अंतरराष्ट्रीय रैकेट का बड़ा हिस्सा उजागर हो सकता है। वन विभाग ने इस कार्रवाई को बाघ संरक्षण और अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव अपराध के खिलाफ सबसे बड़ी सफलता बताया है।
shivendra 
