संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बड़ी खबर: नहीं देना होगा अप्रेजल, बढ़ गई साल भर नौकरी

सतना | संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए स्वास्थ्य संचालनालय से एक बड़ी खबर आई है जो किसी खुस खबरी से कम नहीं है। राजधानी से आए एमडी एनएचएम के आदेश के अनुसार अब इनको अपनी नौकरी बचाने के लिए परीक्षा नहीं देना होगा और न ही 65 अंक अर्जित करने की जद्दोजहद करना होगा। अप्रेजल के माध्यम से होने वाली विभागीय परीक्षा अब नहीं देनी होगी साथ ही एक साल के लिए इन स्वास्थ्य कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित हो गई है। वरना इसके पहले संविदा अमले की सांसे फूल रहीं थी कि हो न हो कब नौकरी चली जाए....?

एक महीने ही बची थी जॉब
स्वास्थ्य विभाग सतना भी इन दिनों एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के दम पर ही चल रहा है। डीपीएम से लेकर बीपीएम और डीसीएम से बीसीएम तो डीएएम से बीएएम तक संविदा कर्मचारी हैं और इनकी नौकरी विभाग में बस एक ही माह बची थी। क्योंकि संविदा शर्तों के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों का अनुबंध केवल 31 मार्च तक ही था। इसके बाद अप्रेजल की प्रक्रिया होती है और यदि इस परीक्षा में कर्मचारी ने अपनी काबिलियत साबित कर ली तो उसकी एनएचएम में नौकरी एक साल के लिए बढ़ जाती है वरना उसे विभाग बाहर का रास्ता दिखा देता है। कुलमिलाकर नौकरी भले ही सरकारी हो पर संविदा स्वास्थ्य में रहती एक ही साल के लिए है।

कोरोना की वजह से मिली सौगात
कोरोना में आपातकालीन सेवाओं को मद्देनजर रखते हुए संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को ये सौगात मिली है कि उनको बिना परीक्षा के ही साल भर नौकरी की अवधि बढ़ा दी गई है। मिशन संचालक छवि भारद्वाज के आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि कोरोना माहामारी के कारण संविदा सेवा शर्तों के तहत काम कर रहे डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ के अलावा प्रशासकीय अमला तथा सेवानिवृत अमला जो संविदा में है उनको 31 मार्च 2022 तक सेवा बढ़ा दी गई है बिना अप्रेजल के वो साल भर काम करेंगे।

67 साल वालों को नो-चांस
एमडी एनएचएम ने जहां एक तरफ संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को साल भर तोहफे में दी है तो ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारी जो सेवानिवृत होकर दोबारा संविदा की नियुक्ति पर है और 67 साल की उम्र हो चुकी है उनको बाहर करने का फरमान भी सुना दिया है। निर्देश हैं कि जो 67 साल उम्र वाले है उनकी संविदा सेवा शर्तों को समाप्त करने प्रकरण एनएचएम कार्यालय तलब किया है।