नगरीय निकाय चुनाव: भाजपा व कांग्रेस में दावेदारों की तलाश तेज
भोपाल | प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा तो अभी नहीं हुई है, लेकिन भाजपा व कांग्रेस में अभी से चुनावी तैयारियों को लेकर सरगर्मियां तेज होने लगी हैं। भाजपा ने जहां इसके लिए कई स्तर पर समितियां गठित कर दीं हैं, तो वहीं कांग्रेस में भी दावेदारों को लेकर कवायद तेज हो गई है। इस चुनाव में कांग्रेस की युवा इकाई भी अपने कार्यकतार्ओं के दावेदारों की सूृची अपने स्तर पर बना रही है, जिससे संगठन स्तर पर मुश्किल खड़ी हो सकती है। बजट सत्र के बाद कभी भी इन चुनावों की घोषणा हो सकती है। यह उपचुनाव भाजपा के साथ ही कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। इसकी वजह है सरकार बनने के बाद यह ऐसी पहली परीक्षा है जिसे लोग अगले विधानसभा चुनाव के सेमीफायनल के रुप में देख रहे हैं।
भाजपा में सब कमेटियों का हो चुका है गठन
भाजपा में इसके लिए गठित चुनाव संचालन समिति द्वारा पांच अलग-अलग सब कमेटियों का गठन किया जा चुका है। यह सब कमेटी घोषणा पत्र, प्रत्याशी चयन और बूथ प्रबंधन को लेकर बनाई गई हैं। इसके अलावा पार्टी द्वारा चुनाव के लिए प्रभारी भी बनाए जा चुके हैं। इन सबके द्वारा अपने स्तर पर काम भी शुरू कर दिया गया है। इन सभी कमेटियों की रिपोर्ट दो दिन बाद होने वाली बैठक में लिए जाने की संभावना है। इसके बाद रिपोर्ट को एकजाई करने के बाद उसे प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने रखा जाएगा।
इन सबसे मिली जानकारी के आधार पर ही चुनावी रणनीति को अंतिम रुप देने का काम किया जाएगा। माना जा रहा है कि भाजपा द्वारा इस बार प्रदेश स्तर से एक सामूहिक और उसके बाद अलग-अलग जगहों के लिए अलग से भी घोषणा पत्र जारी किए जा सकते हैं। इसके अलावा पार्टी द्वारा अभी से अपने विधायकों को उनके इलाकों में प्रत्याशी जीत की जिम्मेदारी देकर काम पर लगने के निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रत्याशी चयन में विधायकों की भी भूमिका रहने वाली है।
कांग्रेस के प्रभारी हो चुके हैं नियुक्त
उधर कांग्रेस भी इन चुनावों को लेकर प्रभारी नियुक्त कर चुकी है। कांग्रेस द्वारा सभी नगर निगमों का जिम्मा अपने पूर्व मंत्रियों को बतौर प्रभारी दिया गया है। कांग्रेस में सबसे बड़ी दुविधा की वजह अब युवक कांग्रेस बन रही है। इसकी वजह है कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि अलग से प्रारुप जारी कर युवक कांग्रेस द्वारा अपने स्तर पर दावेदारों की जानकारी जिलों से मंगाई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो संगठन में जिला कांग्रेस व युवक कांग्रेस के बीच मतभेद की स्थिति बन सकती है, जिसे पार्टी में चुनाव के हिसाब से अच्छा नहीं माना जा सकता है। इसकी वजह है की कांग्रेस संगठन द्वारा जिला स्तर से एकराय बनाकर सिंगल नाम भेजने को कहा गया है। यह बात अलग है कि कांग्रेस में हर उसका सहायोगी संगठन किसी भी चुनाव में अपनी ओर से अपने मोर्चा या प्रकोष्ठों से दावेदारों की सूची तैयार कर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को देते हैं।