व्यापार बंद: शहर में दिखा लॉक डाउन का नजारा

सतना | जीएसटी के जटिल प्राविधानों, ई-कामर्स कम्पनियों को मनमानी छूट के साथ ही महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर कैट की अगुआई में शुक्रवार को बुलाए गये एक दिनी बंद ने लॉक डाउन के समय की याद ताजा कर दी। इस दौरान मुख्य बाजार से लेकर सिंधी कैंप, सिविल लाइन सहित अन्य उप नगरीय क्षेत्रों की छोटी-बड़ी दुकानें तो बंद ही रहीं, भोजन, पान, चाय व नाश्ते जैसी दुकानों को बंद रखकर व्यापारियों ने बंद में सरकार की नीतियों के विरोध को अपना समर्थन दिया। हालत यह रही कि सुबह से अपरान्ह  चार बजे तक शहर में लोग चाय-नाश्ता ही नहीं होटलों में भोजन करने वाले भी इधर से उधर भटकते देखे गये। 

चहल-पहल गायब, हर तरफ सन्नाटे का नजारा
वैसे तो यह बंद जीएसटी और ई-कामर्स के खिलाफ था पर सरकार की नीतियों के चलते हर रोजमर्रा जरूरत की वस्तुओं में ताबड़तोड़ बढ़ी महंगाई और विभिन्न शुल्कों में हुई वृद्धि का विरोध समझकर न केवल व्यापारियों ने बल्कि आम जनता ने भी समर्थन दिया। शहर के  प्रमुख बाजार के साथ ही अन्य छोटे क्षेत्रों में व्यापारियों ने स्वेच्छा से दुकानें बंद रखकर भारत व्यापार बंद को सफल बनाया। हालत यह रही कि शहर के जिन प्रमुख बाजारों में सुबह होते ही भीड़ के कारण जाम के हालात बन जाते थे, वहां आज सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ था। 

जुलूस के रूप में घूमे सड़क पर
वैसे तो बंद को व्यापारियों ने स्वविवेक से समर्थन दिया। बंद बुलाने वाले व्यापारिक संगठन कैट के साथ ही विंध्य चेम्बर व उसकी करीब दो दर्जन सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि सुबह पन्नीलाल चौक में एकत्र हुए और यहां से नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान अधिकांश दुकाने बंद रही पर  जहां भी खुली दुकानें मिली वहां व्यापारियों ने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि वे दुकान का शटर डाउन कर दें।

नगर भ्रमण में ‘कैट’ के प्रदेश सचिव अशोक दौलतानी, चेम्बर अध्यक्ष द्वारिका गुप्ता, राम औतार चमड़िया,  ऋषि अग्रवाल, चन्दशेखर अग्रवाल, पवन मलिक, मनोहर वाधवानी, अभिषेक जैन, संदीप चमड़िया, राजीव गुप्ता, घनश्याम सोनी, अशोक वाधवानी, जितेन्द्र साबनानी , राजेश अग्रवाल, प्रदीप अरोरा,  आशीष मंघनानी, हरिओम गुप्ता, मोहित पुरी, मनोहर डिगवानी व अन्य व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थित उल्लेखनीय रही। सतना बंद को ऐतिहासिक सफल बनाने के लिए महामंत्री नरेंद्र जैन एवं उपाध्यक्ष पवन ताम्रकार ने सभी व्यापारिक संस्थाओं, पदाधिकारियों एवं जागरूक व्यापारियों का आभार व्यक्त किया । 

नहीं हिले बसों के पहिए 
तीन सूत्रीय मांगों के समर्थन में प्रांतीय इकाई के अहवान पर आयोजित बस आॅपरेटरोें की हड़ताल पूरी तरह सफल रही। शनिवार को बसों के पहिए नहीं हिले। जहां दिनभर अफरा-तफरी का महौल रहता था वह बस स्टैण्ड पूरी तरह से विरान नजर आया। बसों की हड़ताल से सबसे ज्यादा परेशानी बाहर से आने वाले यात्रों को हुई। हड़ताल की सफलता पर एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष कमलेश गौतम एवं मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने सभी का अभार जताया है। 

हैदराबाद से आकर सतना में फंसे
मलिकराम अपनी पत्नी रोशनी के साथ हैदराबाद से सुबह 4 बजे सतना पहुंचे लेकिन बसों की हड़ताल की वजह से अपने घर नहीं जा पाए। इसी तरह उत्तर प्रदेश के कौशांबी से मैहर मां-शारदा के दर्शन करने आया परिवार भी वापस नहीं जा पाया।