नमकीन व पेठा कारखाने में छापा, गफलत मिलने पर हुई एफआईआर
सतना। मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत सतना में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। सतना में दो अलग-अलग कारखानों में छापेमार कार्रवाई की गई और दोनों कारखानों में बन रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के लिए सेम्पल लिए गए। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों व कोलगवां पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई में ऐसी खाद्य पदार्थ सामने आए हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। गंदगी के बीच खाने का सामान बनाया जा रहा था और किसी भी कारखाना संचालक के पास एफएसएसएआई का लाइसेंस नहीं था न ही खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम का पालन करना पाया गया। लिहाजा दोनों नमकीन व पेठा कारखाने में जांच के बाद एफएसओ की टीम ने संचालकों के विरुद्ध कोलगवां थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
दोनों के पास नहीं फूड लाइसेंस
नमकीन एवं पेठा के साथ गुण-सेव बनाने के कारखाने सतना के अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित हैं। इन कारखानों में पेठ, नमकीन, गुण, सेव, बेसन, मठरी आदि खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं और कार्टून के साथ पैकटों में पैक कर अपनी ब्रांड के साथ कारखाना संचालक बाजार में बेचते हैं। हैरानी की बात यह है कि दोनों ही कारखानों में खाद्य पदार्थ बनाने या उसकी पैकिंग करने के अलावा उसे बाजार में बेचने के लिए किसी प्रकार का वैध लाइसेंस नहीं हैं बावजूद इसके डंके की चोट पर दोनों कारोबारी अवैध रूप से अपने कारोबार का संचालन कर रहे थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ गुरुवार को कोलगवां कोतवाल अपने पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।
दोनों कारखानों में ये थी कमियां
पेठा व नमकीन कारखाने में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम का माखौल पाया गया। बात करें सचिन विश्वकर्मा के नमकीन फैक्ट्री की तो यहां जिन पैकटों में नमकीन बनाकर पैक किया गया था उनमें न तो यह दर्शाया गया कि नमकीन कब बनी है न ही बेस्ट बिफोर, बैच नम्बर भी नहीं और न ही एफएसएसएआई का लाइसेंस दर्शाया गया। हालांकि लाइसेंस सचिन के पास है ही नहीं। वहीं बादल गुप्ता के पेठा कारखाने में जिन काटूर्नों में पेठा पैक था उसमें भी नियमों का पालन नहीं किया गया न तो लाइसेंस नम्बर न ही यह लिखा गया कि उक्त पेठा को कब तक उपयोग में लिया जा सकता है। इन्हीं कमियों के चलते दोनों सचिन व बादल के विरुद्ध कोलगवां थाना पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।
सील किया गया स्टाक
बादल गुप्ता के पेठा कारखाने से पचास किलो वजन की 73 बोरी शक्कर एवं 65 कार्टून पेठा जब्त कर उसे एक कमरे में सील कराया गया है। एक कार्टून पेठा 25 किलो का बताया जा रहा है। इसी कारखाने में एक ट्रक से ऊपर बरिहा का स्टाक मिला है। हालांकि उस पर कोई जब्त नहीं हुई है। वहीं सचिन विश्वकर्मा की नमकीन फैक्ट्री से 70 पैक्ट नमकीन व गुड, सेव को शील किया गया जबकि नमकीन के चार पैकेट बतौर सेम्पल लिए गए हैं।
बुलाने पर भी नहीं आया पेठा कारोबारी बादल
गुरुवार को नमकीन फैक्ट्री के अलावा एक पेठा कारखाने में भी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने रेड मारी है। जानकारी के मुताबिक मैहर बाइपास डेलौरा में संचालित बादल गुप्ता पिता जगदीश के पेठा कारखाने में पुलिस के साथ एफएसओ की टीम पहुंची जहां भारी मात्रा में बरिहा से बना हुआ पेठा का स्टाक रखा था और कार्टूनों में पैक भी किया जा रहा था। कारखाने के हालात यहां भी कुछ ऐसे थे कि गंदगी के बीच खाने का सामान बनकर पैक हो रहा था। पेठा जहां स्टाक किया गया था उस जगह से बदबू आ रही थी गंदगी की तादात नहीं थी। बर्तन जले व गंदे थे जिसमें खाद्य पदार्थ रखा गया था।
कारखाना संचालित है लेकिन फूड सेफ्टी का लाइसेंस बादल गुप्ता के पास नहीं था। कारखाने में काम कर रहे कर्मचारियों से बादल का नम्बर लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी सीतल सिंह ने उसे फोन कर बुलाय लेकिन वह मौके पर नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं दोबारा जब बादल के मोबाइल पर कॉल मिलाया गया तो उसका सेल फोन बंद पाया गया। तमाम तरह की अनियमितताएं पाए जाने पर एफएसओ सीतल सिंह ने कोलगवां थाने में पेठा कारखाना संचालक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई। एफआईआर में अपराध क्रमांक 177/21 धारा 269 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
नमकीन फैक्ट्री में पहली कार्रवाई
गुरुवार को दोपहर तकरीबन 1 बजे टिकुरिया टोला क्षेत्र में सचिन विश्वकर्मा पिता कृष्णकान्त विश्वकर्मा की नमकीन फैक्ट्री में खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी सीतल सिंह, अभिषेक बिहारी गौड़ पुलिस टीम के साथ पहुंचे जहां नमकीन फैक्ट्री का निरीक्षण किया। पहला तो यहां व्यापक पैमाने पर गंदगी थी और उसी गंदगी के बीच खाद्य पदार्थ बनाये जा रहे थे जिसमें कई प्रकार की नमकीन बनाई गई। नमकीन बनाकर उसका जिस तरह से संधारण सचिन विश्वकर्मा द्वारा कराया गया था वह एफएसएसएआई के नियमों के विपरीत है। गंदगी के बीच संधारण व खुले में बेशन का घोल एवं अन्य सामग्री रखी हुई थी।
इतना ही नहीं फैक्ट्री में कहीं लकड़ी का मल, चूल्हे का कचरा एवं गंदे बर्तन, कढ़ाही जिसमें खाद्य पदार्थ बनाया जा रहा था। दीवारें इतनी गंदी कि उसका कचरा उसी नमकीन और बेसन में झड़ रहा था। सचिन विश्वकर्मा के पास किसी तरह का फूड लाइसेंस नहीं है कि वह कारखाना संचालित कर सके या फिर उसी कारखाने से बना सामान खुले बाजार में बेच सके। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभिषेक बिहारी गौड़ के आवेदन पर कोलगवां पुलिस ने व्यापारी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 176/21 धारा 269, 272, 273 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।