सतना में टीबी से पीडि़त हैं 18 सौ से अधिक मरीज

सतना | प्रशासन द्वारा टीबी उन्मूलन के लगातार चलने वाले अभियान के बावजूद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिले में मौजूदा समय पर 18 सौ से अधिक मरीज हैं। ये वे आंकड़े हैं जो सरकारी तौर पर चिन्हित हैं। अब सतना को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पांच साल का लक्ष्य लिया है। हालांकि पूरे देश में टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान साल भर चलाया जाना है जो सतना में भी जारी रहेगा।

यह जानकारी टीबी विभाग की कार्यशाला में सामने आई है।  कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने क्षय रोग पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए बताया कि क्षय रोग जिसे हम टीबी के नाम से जानते हैं यह एक घातक संक्रामक बीमारी है, जो क्षय रोगाणुओं से फैलता है। टीबी रोगी के खांसने या छीकनें से टीबी के जीवाणु हवा द्वारा फैलते हैं और सांस के माध्यम से अंदर जाकर फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। टीबी का असर मानव शरीर के नाखून और बाल को छोड़कर अन्य सभी अवयवों पर हो सकता है। टीबी रोग का शत-प्रतिशत निदान संभव है। इसके लिए रोगी को डॉट प्रदाता द्वारा प्रत्यक्ष देखरेख में टीबी रोधी दवाओं का नियमित सेवन कराया जाता है। 

जिले में 26 केंद्र जहां होती है जांच
अब जिला क्षय अधिकारी के अनुसार टीबी के कोई भी लक्षण दिखने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र या स्वास्थ्य कार्यकर्ता से भेंटकर अपनी जांच करानी चाहिए। जिससे समय रहते बीमारी की पहचान हो सके। डॉ पीसी नोतवानी ने बताया कि सतना जिले में 26 जांच केंद्रों में टीबी की जांच होती है और लगभग 1860 चिन्हित मरीज हैं, जो डॉट की दवा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक जिले से टीबी को जड़मूल से नष्ट कर टीबी मुक्त सतना जिला बनाने का लक्ष्य रखा गया है। भारत सरकार द्वारा 1 फरवरी  से वर्षभर चलने वाला टीबी हारेगा-देश जीतेगा जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है। यह जानकारी जिला क्षय अधिकारी डॉ पीसी नोतवानी ने जिला चिकित्सालय में आयोजित मीडिया कार्यशाला में दी। इस मौके पर डॉ एमएस तोमर एवं जिला क्षय केन्द्र के कर्मचारी भी उपस्थित रहें।

एक रोगी 10-15 स्वस्थ व्यक्तियों को करता है संक्रमित
जिला क्षय अधिकारी डॉ नोतवानी ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जन-जागरूकता और जन आंदोलन में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, दवा विक्रेता, स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों, धार्मिक गुरुओं और पंचायत प्रतिनिधियों तथा समाज के हर वर्ग को जोड़कर सहभागिता ली जाएगी। टीबी हारेगा-देश जीतेगा की शपथ और संकल्प पत्र भी भराये जाएंगे। डॉक्टर नोतवानी ने बताया कि भारत में हर वर्ष 26.4 लाख टीबी के नए मरीज जुड़ जाते हैं। अभी भी भारत में हर मिनट पर किन्ही दो टीबी रोग से ग्रसित व्यक्तियों की मौत हो जाती है। टीवी का एक धनात्मक बलगम वाला रोगी प्रतिदिन 10 से 15 स्वस्थ व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है।