खजुराहो उड्डयन विभाग की टीम ने जांचा रन-वे

सतना | बहुचर्चित सतना हवाई पट्टी में वायुयानों को उड़ाने के लिए  उड्डयन विभाग की एनओसी लेने की कवायद शुरू हो गई है। शुक्रवार को खजुराहो उड्डयन विभाग की एक टीम ने सतना हवाई पट्टी का मुआयना किया। उड्डयन विभाग की टीम ने तकरीबन 3 घंटे तक हवाई पट्टी का निरीक्षण किया । 

नापा रन-वे, जांची सुदृढ़ता 
उड्डयन विभाग की टीम ने हवाई पट्टी के रन-वे की जांच की। इस दौरान यह भी देखा गया कि रन-वे में  जर्क कितना है और पट्टी की सुदृढ़ता कैसी है।  गौरतलब है कि वर्ष 2017 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सतना हवाई पट्टी को जर्जर बताते हुए हवाई सेवाओं के लिए अनुपयुक्त बताया था और  तकनीकी खामियों के चलते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनवरी 2020 में सतना का हवाई दौरा रद्द किया था। इसके बाद  हवाई पट्टी को दुरूस्त करने का काम लोनिवि द्वारा कराया गया जो विवादों में घिरा रहा।  अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उड्डयन विभाग की टीम क्या रिपोर्ट देती है। हालांकि विभागीय सूत्र बताते हैं कि उड्डयन विभाग की टीम को निर्माण कराने वाले अधिकारियों ने साधने का भी प्रयास किया जिसमें वे कमोबेश सफल भी रहे हैं। हवाई पट्टी के निरीक्षण के दौरान अनियमितताओं के लिए निलंबिन की कार्रवाई का सामना कर सागर लोनिवि कार्यालय में अटैच किए गए उपयंत्री एके निगम की मौजूदगी तो कुछ ऐसे ही संकेत देती है। 

अटैचमेंट सागर में, सेवा हवाई पट्टी में 
इस मामले में उपयंत्री एके निगम की मौजूदगी कई सवालों को जन्म देती है। मसलन  लोनिवि के आला अधिकारियों के आदेशों को ठेंगे पर रखने वाले उपयंत्री एके निगम ने आखिर कौन सी ऐसी नब्ज दबा रखी है जिसके आगे सतना से लेकर भोपाल तक के अधिकारी बेबस नजर आ रहे हैं। हालात यह हैं कि हवाई पट्टी का प्रभार कहने को तो नरेंद्र ताम्रकार को दिया गया है लेकिन ताम्रकार की हालत भी वैसी ही है जैसी विश्वकर्मा की मौजूदगी में कार्यपालन यंत्री एचएल वर्मा की। दिलचस्प बात यह है कि सतना लोक निर्माण विभाग में चल रही इस नूराकुश्ती की जानकारी चीफ इंजीनियर ज्ञानेश्वर उइके, इंजी. इन चीफ पीसी अग्रवाल तक को है लेकिन यह रहस्य ही है कि विश्वकर्मा के आरोप प्रमाणित होने के बावजूद सभी मूकदर्शक बने हुए हैं।