दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट, रीवा का लाल शहीद
रीवा | छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने एक बड़ी साजिश को अंजाम दिया है। बारसूर थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाई प्रेशर आईडी गुरुवार की दोपहर में ब्लास्ट हो गई। इस बम ब्लास्ट में एक जवान शहीद हो गया है। शहीद जवान का नाम लक्ष्मीकांत द्विवेदी पुत्र मोतीलाल द्विवेदी निवासी बरछा ककरहा बताया जा रहा है। डीआरजी के 22वीं बटालियन का जवान पहुरनार में इंद्रावती नदी पर पुलिया निर्माण की सुरक्षा में लगा था। दोपहर में वह वहीं पास में एक पेड़ के नीचे खाना खाने के लिए बैठा। इसी दौरान ब्लास्ट हो गया। इस ब्लास्ट से जवान मौके पर ही शहीद हो गया।
दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने घटना की पुष्टि की है। डॉ. पल्लव ने बताया कि जवान मौके पर ही शहीद हो गया। बता दें कि पखुलनार से इंद्रावती के दूसरी ओर के गांवों को जोड़ने के लिए पुलिया का निर्माण करवाया जा रहा है। दूसरी ओर करीब 10 गांव हैं, इन्हीं गांवों को जोड़ने के लिए पुलिया बनाई जा रही है। पिछले कुछ महीने से पुलिया निर्माण का काम शुरू किया गया था। इसी पुलिया की सुरक्षा में जवान लगा था।
रीवा का रहने वाला था जवान
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब 1 बजे यह हादसा हुआ। लंच के लिए रुके लक्ष्मीकांत दिवेदी ने एक प्रेशर आईईडी पर कदम रखा और विस्फोट की वजह से उनके शरीर के चीथड़े उड़ गए। इस हृदय विदारक घटना के बाद पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव सहित प्रशासनिक अधिकारी सूचना के तुरंत बाद मौके पर पहुंच गए। विस्फोट में शहीद हुए लक्ष्मीकांत द्विवेदी मूल रूप से रीवा जिले के निवासी हैं। बता दें कि जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली जंगलों में जगह जगह प्रेशर आईईडी प्लांट किए हैं। कई बार जवान इसकी चपेट में आ जाते हैं। सूचना के बाद गांव में मातम छा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गहन शोक जताया है।
चार माह पहले गांव आए थे लक्ष्मीकांत
दंतेवाड़ा ब्लास्ट में शहीद हुए लक्ष्मीकांत द्विवेदी 36 वर्ष लगभग चार माह पहले अपने गृहग्राम बरछा ककरहा अपने बड़े पिता के निधन की वजह से आए हुए थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस पारिवारिक शोक के दौरान अपने परिजनों से मुलाकात की थी, जिसके बाद वे 2 जनवरी को अपने कार्य क्षेत्र लौट गए थे।
15 वर्ष पहले हुआ था विवाह
शहीद लक्ष्मीकांत के चाचा सुरेश द्विवेदी से मिली जानकारी के अनुसार लक्ष्मीकांत का विवाह लगभग 15 वर्ष पहले दहियारी पोसना कोरांव में धूमधाम के साथ अंजू से सम्पन्न हुआ था। बताया जा रहा है कि परिवार में ज्यादातर सदस्य नौकरीपेशा हैं। जबकि पिता कृषि कार्य देखते आए हैं।
रुचि व परी दो बेटियां
15 वर्ष के वैवाहिक जीवन में लक्ष्मीकांत व अंजू की दो संतान हैं जिसमें 10 वर्ष की रुचि द्विवेदी तथा 6 वर्ष की परी है। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही वह अपने परिवार के बीच थे साथ ही उन्होंने बच्चों से जल्द ही अवकाश पर आने की बात भी कही थी।
एक भाई है एसटीएफ में मेजरबरछा ककरहा निवासी मोतीलाल द्विवेदी 70 वर्ष के चार पुत्र हैं। जिनमें से शहीद लक्ष्मीकांत दूसरे नंबर हैं। जबकि बड़े पुत्र छत्तीसगढ़ में ही इलेक्ट्रिक इंजीनियर के रूप में पदस्थ हैं। जबकि तीसरे नंबर का भाई शिवाकांत द्विवेदी छत्तीसगढ़ में ही एसटीएफ में मेजर हंै। जबकि सबसे छोटा भाई रविकांत द्विवेदी नागपुर में इंजीनियर के रूप में अपने सेवा दे रहे हैं।
सुरक्षा में न्योछावर कर दिए प्राण
दंतेवाड़ा जिले के पहुरनार में इंद्रावती नदी की बनने वाली पुल की सुरक्षा के लिए लक्ष्मीकांत की तैनाती की गई थी। नक्सली क्षेत्र के चलते पुल को किसी तरह से नुकसान न पहुंचाया जा सके, इसके लिए वहां पर जवान तैनात किए गए थे। पुल की सुरक्षा करते-करते लक्ष्मीकांत ने अपनी जान गंवा दी।
सड़क मार्ग से आ रही पार्थिव देह
शहीद लक्ष्मीकांत द्विवेदी की पार्थिव देह सड़क मार्ग से उनके गृहग्राम के लिए लाई जा रही है। रायपुर से विशेष सशस्त्र बल की गाड़ियों में उनकी देह को लेकर कई जवानों के साथ शुक्रवार की सुबह तक रीवा पहुंचेगा। जहां से उन्हें उनके गांव भेजा जाएगा।
लंच के लिए पहुंचे थे पेड़ के नीचे
पुल की सुरक्षा में तैनात जवान लक्ष्मीकांत द्विवेदी लंच के लिए समीप ही एक पेड़ के नीचे जा रहे थे। जैसे ही वह पेड़ के नीचे पहुंचे, टिफिन एवं पानी का बोतल रखा, वहीं पर आईईडी प्लांट किया गया था। शहीद द्विवेदी ने जैसे ही अपना पैर उठाया वह ब्लास्ट हो गया और उनके शरीर के चीथड़े उड़ गए। बताया गया है कि धमाका इतना तेज था कि उनके शरीर के कई भाग इधर-उधर बिखर गए।