गौशाला: बातें बड़ी-बड़ी पर 20 रुपए की खुराक तक नहीं दे पा रही सरकार

सतना | गौसेवा व गौवंश संरक्षण की बड़ी बड़ी बातें करने वाली  सरकार क्या सचमुच गौवंश की सुरक्षा को लेकर चिंतित है? सवाल इसलिए क्योंकि  धन संकट का रोना रो रही सरकार अब गौवंश को  20 रुपए की खुराक भी  समय से नही दे पा रही है। मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत गौशालाएं  तो बन गईं लेकिन अब सरकार के पास भूसा-चारा के लिए भी  बजट  नही आ रहा है। पिछलें 6-7 माह से गौशाओं की ये स्थिति बनी हुई। जिम्मेदार विभाग व अधिकारी बजट को लेकर कई बार प्रदेश की राजधानी तक पत्र लिख  चुके हैं लेकिन इसके बाद भी गौवंश के निवाले का कोई इंतजाम नहीं किया जा सका है।

बताया गया कि जिलें मे मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत अभी तक 39 गौशाला तैयार की जा चुकी है जिनमे आवार गौवंश भी रख दिए गए है। एक गौशाला मे 100 पशु है, लेकिन भूसा-चारा का बजट न मिलने से इन गौशालाओं का संचालन करने वाले स्व-सहायता समूह व ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि परेशान है। बताया जाता है कि जिला पंचायत एवं उप संचालक पश्ुा चिकित्सा सेवाएॅ द्वारा मप्र गौपालन एवं पशु धन संवर्धन बोर्ड को पत्र भी कई बार लिखा गया है। 

प्रथम चरण का लक्ष्य अधूरा 
बताया गया कि जिले में 45 गौशालाओं का लक्ष्य प्रथम चरण में रखा गया है। जिसमें से 39 गौशालाओं का काम लगभग 2 साल मे पूरी तरह तैयार हो गया है। जबकि बाकी गौशालाओं का काम अधूरा पड़ा हुआ है। बताया जाता है कि गौशालाओं में अभी उन्हीं आवारा गौवंश को प्राथमिकता में रखा जाएगा, जो वास्तव में आवारा घूम रहे हैं, जिससे किसानों को राहत मिल सकें। जिलेंमें  लगभग 70 से 50 हजार आवारा गौवंश है। 

11 लाख का मिला था फरवरी में बजट
मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना की  नवीन गौशालाओं में रखे जाने वाले गौवंश पर प्रतिदिन 20 रुपए खर्च करने का निर्णय सरकार ने लिया था जिसमें 15 रुपए में भूसा-चारा खिलाने  तो 5 रुपए में सुदाना पर खर्च करने का प्रावधान तैयार किया था ।इसके लिए मप्र गौपालन एवं पशु धन संवर्धन बोर्ड को बजट दिया गया था। बताया जाता है कि पिछले साल फरवरी माह मे जब 11 गौशाला तैयार हो गई थी तब उनमे रखे गए आवारा गौवंश के लिए 54 लाख की राशि दी गई थी।