सीमित ट्रेन के बीच त्योहार स्पेशल की आवश्यकता

रीवा | यूं तो कोरोना को लेकर देश भर में लॉक डाउन की प्रक्रिया 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के साथ शुरू हुई थी। जिसके 48 घंटे बाद से सड़क एवं रेल परिवहन पर आगामी समय तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।  कोविड-19 संक्रमण के एक वर्ष पूरा होने के बाद अगले माह मार्च के अंतिम सप्ताह में होली उत्सव मनाया जाना है। ऐसे में पश्चिम-मध्य रेलवे द्वारा लिए जाने वाले फैसले से ही रीवा संभाग के नौकरीपेशा एवं छात्रों के उल्लास का पर्व पूरा होगा या नहीं, इस पर निर्भर रहेगा। हालांकि गत वर्ष मार्च माह के पहले सप्ताह में होली उत्सव मनाया गया था, उस दौरान कोविड-19 को गाइड लाइन जारी कर दी गई थी। बावजूद इसके लोगों में उसका खौफ नजर नहीं आया था। 

जबलपुर, भोपाल से विशेष ट्रेन की जरूरत
यहां गौर करने वाली बात यह है कि रीवा, सतना ही नहीं बल्कि विंध्य क्षेत्र के काफी संख्या में लोग संस्कारधानी जबलपुर तथा प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोचिंग एवं नौकरी करते हैं। ऐसे में त्योहार के दौरान अपने गृह क्षेत्र जाना उनकी जरूरत रहती आई है। जिसे ध्यान में रखते हुए समय-समय पर पमरे द्वारा त्योहार स्पेशल चलाई जाती रही है। हालांकि कोरोना के चलते बदले समीकरण एवं बीमारी के खौफ की वजह से गाड़ियों का संचालन बाधित चल रहा था।

रीवा रेलवे स्टेशन की बात की जाए तो सभी गाड़ियों को आगामी आदेश तक के लिए रद्द कर दिया गया था। 5 सितम्बर के बाद से जबलपुर तथा भोपाल के बीच रेल परिवहन शुरू हुआ। दर्जन भर में से आधा दर्जन गाड़ियों का ही संचालन हो रहा है। ऐसी स्थिति में निश्चित तौर पर अपने गृहग्राम आने वाले लोगों की संख्या बहुतायत में होगी। जिसे लेकर जनहित में पश्चिम-मध्य रेलवे को त्योहार स्पेशल का संचालन करना चाहिए ऐसी मंशा अभी से रेल यात्री व्यक्त करने लगे हैं।

राजधानी से संख्या ज्यादा
रीवा से राजधानी की ओर चलने वाली सुपर फास्ट हबीबगंज एक्सप्रेस में सामान्य दिनों में ही इमरजेंसी होने पर लोगों को रिजर्वेशन नहीं मिल पाता है। वजह रीवा-भोपाल के बीच लोगों के आने-जाने की संख्या का ज्यादा होना है। ऐसे में त्योहार पर भी भारी संख्या में लोग विंध्य क्षेत्र की ओर रुख करते हैं।