तार से बंधा मिला दरवाजा: ठूस- ठूस कर भरी थीं सवारियां, तीन की फिटनेस निरस्त

सतना | सीधी में हुए बस हादसे का असर शुक्रवार को सतना में दिखा जब पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों ने यात्री वाहनों की सघन चेकिंग की । इस दौरान वाहनों की फिटनेस से लेकर उनका संचालन परमिट शर्तों के मुताबिक हो रहा है या नहीं, इन बातों की जांच की जा रही है। शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह की अगुवाई में पुलिस व परिवहन महकमा सड़क पर उतरा और सतना- पन्ना मार्ग में ताबड़तोड़ कार्रवाईयां की गई।

इस दौरान 55 वाहनों पर कार्रवाई करते हुए जहां 67 हजार का राजस्व वसूला गया वहीं परमिट शर्तों के हिसाब से बसों का संचालन नहीं पाए जाने पर तीन बसों का परमिट निरस्त कर दिया गया तो दो बसें ओव्हरलोड पाई गई। जिन बसों का फिटनेस परमिट शर्तों का उल्लंघन करते हुए निरस्त किया गया है उनमें एक बस मे जीआई तार के सहारे दरवाजा बांधा पाया गया तो एक में स्पीड गवर्नर नहीं मिला तो एक में शीशा गायब था। जबकि दो बसों में जानवरो की तरह सवारियां भरी गइ थी। सतना- नागौद रोड में सोहावल मोड़ के पास की गई चेकिंग के दौरान ट्रैफिक डीएसपी किरण किरो, आरटीओ संजय श्रीवास्तव व यातायात प्रभारी राजेन्द्र राजपूत मौजूद रहे। 

शीशा भी गायब, बस जब्त  
पहाड़ीखेरा से सतना आ रही बस एमपी 19पी- 1992 में क्षमता से ज्यादा सवारियां होने पर उसे जब्त कर लिया गया। क्षमता से ज्यादा सवारियां होने पर बस को जब्त कर उसे यातायात थाने में खड़ा कराया गया है। बस में ओव्हरलोड सवारियों के अलावा कई अन्य कमियां भी पाई गई। बस का पिछला शीशा जहां गायब था वहीं खिड़की व इंडीकेटर भी टूटे -फूटे थे।  

ड्राइवर के केबिन व बोनट में भी बैठी थी सवारियां 
चेकिंग के दौरान कई बसों में क्षमता से ज्यादा सवारियां पाई गई। यहां तक कि बस की गैलरी में कुछ सवारियां जहां खड़ी थी वहीं कुछ बसों में तो सवारियां ड्राइवर के केबिन और बोनट  तक में बैठी पाई गई। 

नहीं था फिटनेस, 5 हजार का जुर्माना
मझगवां में वाहन चेकिंग के दौरान एक बस पकड़ी गई जिसका फिटनेस नहीं पाया गया, बस का फिटनेस नहीं होने पर उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। 

आए थे इलाज कराने, रास्ते में ही उतरना पड़ा 
वाहन चेकिंग के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी यात्रियों को झेलनी पड़ी जिन्हें अपने गंतव्य से पहले ही बसों से उतरना पड़ा। उन यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा जो बुजुर्ग और मरीज थे। उदाहरण के लिए नागौद के बेला के टंटा अपनी नातिन के साथ इलाज कराने जिला चिकित्सालय आए थे। वापस जाते समय जिस बस में सवार थे वह चेकिंग के दौरान पकड़ी गई और उन्हें बीच रास्ते में ही उतरना पड़ा। इसी तरह नागौद के चुनहा से सतना आ रही लल्ली बाई को भी बीच रास्ते में उतरना पड़ा। इन जैसे सैकड़ों यात्री ऐसे थे जो वाहन चेकिंग के दौरान बसों के पकड़े जाने पर अपने गंतव्य तक पहुंंचने से पहले ही बीच रास्ते में अटक गए।