धान खरीदी में अनियमितता पर हुई कार्रवाई: ऑपरेटर संदीप द्विवेदी निलंबित, एफआईआर के दिए गए निर्देश
रीवा | खरीदी केन्द्र भीर के कम्प्यूटर आॅपरेटर द्वारा की गई अनियमितता में कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने बड़ी कार्रवाई की है। खरीदी केन्द्र के आॅपरेटर संदीप द्विवेदी को निलंबित कर नईगढ़ी थाना में एफआईआर कराने के निर्देश दे दिए हैं। दरअसल अनियमितता की शिकायत के बाद की गई जांच में आॅपरेटर द्वारा 6 किसानों की धान अपनी पत्नी के खाते में जमा कराकर मऊगंज एसबीआई बैंक से पौने तीन लाख रुपए की राशि का आहरण किया था। जांच प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर ने आॅपरेटर की इस हरकत पर न केवल निलंबित किया है बल्कि एफआईआर कराने के लिए कहा है।
धान खरीदी में गंभीर अनियमितता बरतने वाले कम्प्यूटर आॅपरेटर को निलंबित कर उस पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने दिए हैं। जिले में धान की खरीदी में कई केन्द्रों में अनियमितता की गई है। परंतु नईगढ़ी के भीर खरीदी केन्द्र में कम्प्यूटर आॅपरेटर संदीप द्विवेदी ने जो कारनामा किया है, वह चौंकाने वाला है। छह किसानों की 147 क्विंटल धान का उपार्जन खुद की पत्नी किरण द्विवेदी के खाते में दर्शाकर मऊगंज भारतीय स्टेट बैंक के खाते में 2 लाख 75 हजार 716 रुपए की राशि जमा कराई गई है। ‘स्टार समाचार’ ने 4 फरवरी को ‘आॅपरेटर ने पत्नी के नाम से कराया पंजीयन और बेच दी 5 लाख की धान’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। कलेक्टर द्वारा इसे संज्ञान में लेते हुए जांच के बाद कम्प्यूटर आॅपरेटर को निलंबित कर नईगढ़ी थाने में एफआईआर के निर्देश दिए हैं।
तीन सदस्यीय कमेटी ने की जांच
धान खरीदी में की गई अनियमितता की जांच के लिए कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर उसे यह जिम्मा सौंपा था। कमेटी में प्रशासक सेवा सहकारी समिति भीर शैलेश मालवीय, शाखा प्रबंधक सहकारी बैंक नईगढ़ी रामायण प्रसाद तथा शाखा प्रबंधक प्रधान कार्यालय रीवा देवेश दत्त पाण्डेय द्वारा की गई थी। कलेक्टर को दिए गए जांच प्रतिवेदन में कम्प्यूटर आॅपरेटर को दोषी पाया जाना उल्लेखित किया गया था। ऐसे में कमेटी की जांच के आधार पर कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे न केवल निलंबित किया है बल्कि उस पर थाना नईगढ़ी में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं। सोमवार को की गई इस कार्रवाई के बाद सहकारिता विभाग में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है।
क्या था मामला
खरीदी केन्द्र भीर में पदस्थ कम्प्यूटर आॅपरेटर संदीप द्विवेदी ने अपनी पत्नी किरण द्विवेदी के नाम पांच किसानों की 147 क्विंटल धान जमा कराई थी। जबकि उनकी पत्नी श्रीमती द्विवेदी के नाम किसी भी प्रकार की कृषि योग्य भूमि नहीं है। ऐसे में उनका पंजीयन धान खरीदी केन्द्र में नहीं किया जा सकता। दरअसल आॅपरेटर संदीप द्विवेदी ने पंजीकृत किसानों के स्थान पर कम्प्यूटर से अपनी पत्नी का नाम दर्ज कर धान से मिलने वाली राशि को हड़पना चाहता था।
उनके द्वारा किए गए इस कृत्य का जब पर्दाफाश हुआ तो जांच में सारी बातें खुलकर सामने आ गर्इं। पंजीयन का किए गए सत्यापन में आॅपरेटर की पत्नी ने जो सत्यापित किया था, उसमें स्पष्ट लिखा था कि उनके द्वारा पंजीकृत जमीन का पंजीयन अन्य किसी केन्द्र पर नहीं कराया गया है। उपार्जन केन्द्र पर दी गई फसल के लिए भुगतान उनके द्वारा दिए गए बैंक खाते में जमा की जाए। किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर वह उसकी जिम्मेदार होंगी।