पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष के बाद कान्ट्रैक्टर जिला मंत्री की फर्म में छापा
सतना | सरकारी विभागों में ठेकेदारी से लेकर निर्माण सामग्री सप्लाई और खनिज उत्खनन करने वाले सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं द्वारा जीएसटी का किस कदर से अपवंचन किया जा रहा है, इसके नमूने इन दिनों स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा बैढ़न से लेकर सागर-टीकमगढ़ तक की जाने वाली छापे की कार्रवाई में सामने आ रहे हैं। सतना जिले में भाजपा के पूर्व मैहर मंडल अध्यक्ष अमित राय के बाद पार्टी के जिला मंत्री संजय शुक्ला के यहां भी 60 लाख से अधिक की कर चोरी का खुलासा मंगलवार को पड़े छापे में हुआ है।
सतना एन्टी इवेजन ब्यूरो के छापों से सत्ता की छतरी लगाकर उसके नीचे ठेकेदारी और खनिज कारोबार में करोड़ों से खेलने वाले कारोबारियों में हड़कम्प मचा हुआ है। यहां उल्लेखनीय है कि अकेले सतना जिले में ही भाजपा से जुड़े नेताओं पर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इसके पहले 8 फरवरी को ही मैहर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अमित राय के परिवार द्वारा संचालित विजय एण्ड कम्पनी में भी छापा पड़ चुका है। इस फर्म पर 21 लाख की देनदारी तय हुई थी और मौके पर ही साढ़े 11 लाख रुपये जमा भी कराये गये थे।
जीएसटीआर-1 तथा थ्रीबी में मिसमैच
विभागीय सूत्रों की माने तो संजय शुक्ला की नित्यांत इन्फ्रा प्रोजक्ट फर्म कई महीनों से ब्यूरो टीम की निगाहों में थे लेकिन सत्तापक्ष की छतरी सर पर होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। इस मामले में यदि मुख्यालय के निर्देश न होते तो इस बार भी कार्रवाई संभव नहीं थी। बताते हैं कि करोड़ों के प्रोजेक्ट हाथ में लेने के बाद भी इस फर्म द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर लगातार रिटर्न तो दिये गये पर उनके द्वारा जमा किये गये जीएसटीआर-1 तथा थ्रीबी में मिसमैच देखने को मिला। यही नहीं फर्म द्वारा प्राप्त भुगतान के साथ टीडीएस की वसूली तो की गई पर उसे रिटर्न में नहीं दिखाया गया। इन वर्षो में फर्म द्वारा करोड़ों का कर अपवंचित लेनदेन किया गया है। इन पर कितनी टैक्स लाईविल्टी बनती है यह तो रिटर्न व अन्य दस्तावेजों की स्क्रूटनी के बाद ही सामने आ पायेगा पर फिलहाल फर्म संचालक की ओर से 60 लाख रुपये जमा कराये गये हैं।
एक दिन पहले ही आफिस हुआ था सील
मामला सत्तापक्ष के पदाधिकारी से जुड़े होने के चलते स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है यहां तक कि कोई किसी से बात भी नहीं कर रहा। इस मामले में राज्यकर विभाग इंदौर मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई राज्यकर आयुक्त राघवेन्द्र सिंह के निर्देश पर सतना एन्टी इवेजन ब्यूरो सतना के मुखिया व संयुक्त आयुक्त गणेश सिंह कंवर के नेतृत्व में हुई है। बताया गया है कि संजय शुक्ला नित्यांत इन्फ्रा प्रोजक्ट नाम से फर्म चलाते हैं जिसके वे डायरेक्टर हैं। फर्म द्वारा सरकारी विभागों के बड़े बड़े प्रोजेक्ट हाथ में लिये जाते रहे हैं । इनमें बड़े ब्रिज भी शामिल हैं।
बताते हैं कि करोड़ों के टर्न ओवर के बाद भी उनके द्वारा जीएसटी के जमा हुए रिटर्न में गलत जानकारी दी गई जो विभाग के आईटी सेल की पकड़ में आ गई। बताया तो यहां तक जा रहा है कि सोमवार शाम को भी एईबी अधिकारी राजेन्द्र नगर स्थित फर्म के कार्यालय पहुंचे थे पर श्री शुक्ला के मौजूद न होने के कारण फर्म को सील कर दिया गया था। इसके दूसरे ही दिन मंगलवार सुबह राजेन्द्र नगर स्थित फर्म कार्यालय के साथ ही भरहुतनगर स्थित रिद्दी-सिद्धी अपार्टमेंट के एक फ्लैट में छापामार कार्रवाई की गई। इस अपार्टमेंट के बी-4 के एक फ्लैट को श्री शुक्ला ने अपना स्थानीय आवास बना रखा है।