एक वोटर, एक वोट की व्यवस्था हो, दो या अधिक जगह नाम का चुनावी फर्जीवाड़ा पूरी तरह बंद हो जाएगा : अजय खरे

अजय खरे ने मऊगंज में कहा कि देश में एक मतदाता के नाम पर केवल एक ही वोटर आईडी होनी चाहिए, जिससे वह सिर्फ एक स्थान पर मतदान कर सके। उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि आज भी लाखों लोगों के नाम दो या अधिक स्थानों पर दर्ज हैं, जिससे चुनाव में फर्जीवाड़ा होता है।

एक वोटर, एक वोट की व्यवस्था हो, दो या अधिक जगह नाम का चुनावी फर्जीवाड़ा पूरी तरह बंद हो जाएगा :  अजय  खरे

पब्लिक वाणी मऊगंज

समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने कहा है कि पूरे देश में प्रत्येक मतदाता के नाम पर एक वोटर आईडी होना चाहिए जिसके आधार पर वह एक जगह मतदान कर सके।

यह भारी विडंबना है कि आधुनिक तकनीकी व्यवस्था में भी चुनाव आयोग इस पर अमली जामा नहीं पहना सका है। श्री खरे ने कहा कि भाजपा और विपक्षी दलों के लोग भी इस मामले को लेकर कभी कड़ी आपत्ति नहीं जताते हैं। इसके चलते पूरे देश में मतदाताओं की संख्या में गलत इजाफा हो जाता है। 

श्री खरे ने कहा कि चुनाव आयोग दो जगह के नाम को एक जगह करने का काम आसानी से कर सकता है लेकिन वह केवल विरोधियों को परेशान और बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव विपक्ष की राजनीति का बड़ा चेहरा है।

पता चला है कि चुनाव आयोग ने उन्हें दो वोटर आईडी पर नोटिस जारी की है। किसी भी व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी नहीं होना चाहिए। वोटर आईडी बनाने का काम चुनाव आयोग करता है। उन्हें फसाने के लिए भी ऐसा किया जा सकता है। श्री खरे ने कहा कि देश में एक करोड़ से भी ज्यादा ऐसे लोग हैं जिनके दो जगह नाम हैं।

ऐसी स्थिति में बहुत से लोगों के तीन जगह भी नाम हो सकतें हैं लेकिन कोई आपत्ति नहीं होने से ऐसे नाम बने रहते हैं। चुनाव आयोग को एक मतदाता एक मत के फार्मूले पर काम करना चाहिए और ऐसे सारे लोगों के नाम तत्काल प्रभाव से काट दिया जाना चाहिए जिनके एक से अधिक जगह नाम हैं।

रीवा शहर में ग्रामीण पृष्टभूमि के रहने वाले बहुत सारे लोगों के दो जगह नाम हैं। ऐसे लोग चुनाव में स्याही मिटाकर शहर और गांव दोनों जगह वोट डाल लेते हैं। राजनीतिक दल के लोग भी अपने-अपने गुणा भाग में उनके नाम नहीं कटाते हैं। पंचायत चुनाव के समय भी शहर का मतदाता अपने गांव में भी जाकर वोट डाल देता है।

यदि मतदाता पहचान पत्र आधार से जुड़ जाए तो समस्या का समाधान निकाला जा सकता है लेकिन आधार कार्ड की जानबूझकर अनदेखी की जा रही है जिससे इस तरह की धांधली बनी है। मोदी सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन एक चुनाव में एक नतदाता एक ही जगह मतदान करें ऐसी चुनावी पारदर्शी व्यवस्था क्यों नहीं बना पा रही है जबकि यह काम बहुत आसान है।

दरअसल राजनीतिक दल भी इस मामले में कहीं ना कहीं गड़बड़ है। श्री खरे ने कहा कि चुनाव आयोग यदि देश के सभी मतदाताओं के नाम को आधार से लिंक कर दे तो किसी भी मतदाता के दो या अधिक जगह नाम नहीं हो पायेंगे और इस तरह का चुनावी फर्जीवाड़ा पूरी तरह बंद हो जाएगा।